राज्य की राजनीती में हमास की एंट्री 

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राज्य की राजनीती में हमास की एंट्री 

मुख्यमंत्री की दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे की आलोचना पर सांसद संजय राऊत का पलटवार। कहा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद हमास हैं

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – दशहरा रैली के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हमास वाले बयान पर उद्धव गुट के सांसद संजय राऊत ने बुधवार को पलटवार करते हुए कहा कि शिंदे खुद हमास हैं और उनका यह बयान दर्शाता है कि उन पर भाजपा का कितना असर हुआ है। राऊत ने कहा कि शिंदे खुद हमास हैं। उनके बयान से साफ होता है कि भाजपा ने उनके दिमाग़ में किस कदर गन्दगी भर दी है। राऊत ने कहा एकनाथ शिंदे भाजपा की भाषा बोल रहे हैं |चाहे तो हम भी उनके स्तर तक गिर सकते हैं, लेकिन हम इससे बचते रहे हैं। हम उन मूल्यों का पालन करते हैं जो स्व. बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना में स्थापित किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि उद्धव ठाकरे ने सत्ता की लालच में बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व वाली विचारधारा को दफ़न कर दिया, उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी से हाथ मिला लिया। आजाद मैदान में आयोजित दशहरा रैली में एकनाथ शिंदे ने यह बात कहीं थी। मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर कहा कि उन्होंने अपनी वैचारिक विरासत के साथ बेईमानी करके बालासाहेब ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राऊत ने कहा कि शिंदे दशहरे के शुभ अवसर पर भी इस तरह की टिप्पणी करने से खुद को रोक नहीं पाए। इससे उनकी मानसिकता और उनपर भाजपा के प्रभाव का पता चलता है।

उद्धव गुट के सांसद आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने परिवारवाद, विभाजन और क्षेत्रवाद की राजनीती शुरू की। भाजपा उन्ही राज्यों को मजबूत करती है जंहा उसकी सत्ता है। जिन राज्यों में वे सरकार नहीं बना पाए, वहां क्षेत्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में ऐसा ही हों रहा है। महाराष्ट्र में भी भाजपा का यही पैटर्न रहा, लेकिन उस समय राज्य की सत्ता उद्धव ठाकरे मे पास थी। उस समय केंद्र से राज्य सरकार को कोई मदद नहीं मिल रही थी, मगर सरकार के बदलते ही केंद्र ने महाराष्ट्र के लिए अपना खजाना खोल दिया।

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