प्रधानमंत्री के विरोध के चलते कुछ लोग जरूर इकठ्ठा हुए हैं, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में दहीहांडी मोदी ही फोड़ेंगे – एकनाथ शिंदे

Spread the love

प्रधानमंत्री के विरोध के चलते कुछ लोग जरूर इकठ्ठा हुए हैं, लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में दहीहांडी मोदी ही फोड़ेंगे – एकनाथ शिंदे

आनंद दिघे की दहीहांडी में मुख्यमंत्री ने I.N.D.I.A. अलायंस और उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना। मराठा आरक्षण रद्द करने को बताया मवीआ कार्यकाल की भूल

योगेश पाण्डेय – संवाददाता

ठाणे – मुंबई दहीहांडी 2023 के विभिन्न आयोजनों में से एक ठाणे की दहीहांडी में उपस्थिति मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विरोधी दलों पर जमकर साधा निशाना। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत की भावना से कुछ दल एकजुट हो गए हैं। हालाँकि चाहे वे कितने भी दलों को साथ लेकर आ जाएँ, लेकिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे जो 2024 में लोकसभा की हांडी फोड़ेंगे। उन्होंने यह भी आलोचना की कि महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान मराठा आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में रद्द कर दिया गया था और यह महाविकास अघाड़ी की अक्षमता थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय किसी अन्य समुदाय का आरक्षण कम नहीं किया जाएगा।

शिवसेना के दिवंगत ठाणे जिला प्रमुख आनंद दिघे ने टेंभीनाका में दहीहांडी उत्सव की शुरुआत की थी। उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस उत्सव की परंपरा को जारी रखा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार दोपहर महोत्सव में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने उत्सवों पर लगी सभी पाबंदियां हटा दीं हैं, नागरिक इस उत्सव का आनंद ले रहे हैं। कुछ दिन पहले चंद्रयान-3 ने सफलता हासिल की थी,इसरो के वैज्ञानिकों ने यह काम सफलतापूर्वक कर दिखाया है। इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और देश की जनता मोदी के साथ है।

कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत के कारण एक साथ आए हैं। लेकिन चाहे वे कितना भी साथ आ जाएं 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही लोकसभा में जीत हासिल करेंगे। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था,इस पर टिप्पणी करते हुए शिंदे ने स्टालिन और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की जमकर आलोचना की। शिंदे ने उद्धव ठाकरे को चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग I.N.D.I.A. गठबंधन के जरिए कुर्सी के लिए बाला साहेब के विचारों को बेचते हैं, उन्हें वफादारी नहीं सिखानी चाहिए।

मराठा आरक्षण को लेकर सरकार बेहद गंभीर है, तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के कार्यकाल में मराठा समुदाय को आरक्षण मिला। हाईकोर्ट में उस आरक्षण को बरकरार रखा गया था। दुर्भाग्य से महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट में इस आरक्षण को रद्द कर दिया गया, यह महाविकास अघाड़ी सरकार की विफलता थी। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि वे अब इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। साथ ही सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार उस मुद्दे पर काम करके यह साबित करने का काम करेगी कि मराठा समुदाय सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय किसी अन्य समुदाय का आरक्षण कम नहीं किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon