हर मोर्चे पर विफल रही सरकार ने I.N.D.I.A.अलायंस की बैठक से सभी का ध्यान भटकाने के लिए करवाया लाठीचार्ज – संजय राऊत

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हर मोर्चे पर विफल रही सरकार ने I.N.D.I.A.अलायंस की बैठक से सभी का ध्यान भटकाने के लिए करवाया लाठीचार्ज – संजय राऊत

शिवसेना सांसद का सरकार से सवाल, जालना में मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारीयों पर किसके कहने से किया गया लाठीचार्ज। क्या इसकी जांच करेगी सरकार?

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे लोगों पर जालना में हुए लाठीचार्ज की घटना के बाद शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे तुरंत अंबड़ के आंतरवली गांव पहुंचे और प्रदर्शनकारीयों से मुलाकात कर उन्हें धीरज दिया। उद्धव ठाकरे ने आश्वासन देते हुए कहा कि अगर आंदोलनकारीयों का बाल भी बांका हुआ तो वे पूरे महाराष्ट्र को यहां लाकर खड़ा कर देंगे। इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना युबीटी सांसद संजय राउत ने रविवार सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारीयों से बात करते हुए यह बात सामने आई कि मंत्रालय से आये एक अदृश्य फोन कॉल के बाद ही मराठा आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई गईं।

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वालों पर लाठीचार्ज क्यों? रालेगणसिद्धि गांव में जिस तरह अन्ना हजारे मंदिर में धरना देने बैठते हैं, उसी तरह जारांगे के नेतृत्व में कुछ लोग धरने पर बैथे थे। लेकिन जालना में सरकार ने आंदोलन तोड़ दिया ताकि ‘शासन आपल्या दारी’ कार्यक्रम को कोई दिक्कत न हो। इसी के चलते लिए मंत्रालय से एक गुमनाम फोन गया, इसके बाद पुलिस ने छात्रों, महिलाओं और बुजुर्गों पर लाठियां बरसाईं। लोगों को अमानवीय तरीके से मारा गया, उनके सिर फोड़े गए, लोगों को गोली मारी गई, ये सब करने का उद्देश्य क्या है? राऊत ने सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया।

संजय राऊत ने हल्ला बोलते हुए कहा कि सरकार के इस लाठीचार्ज के पीछे 2 मुख्य कारण हैं, पहला कि सरकार विफल हो गई है और सरकार हताश है। सरकार मराठा समुदाय के आंदोलनकारियों का सामना नहीं कर सकती। एक तरफ चर्चा करना और दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों को इस तरह पीटना, ये सरकार का कौन सा तरीका है?

दूसरा कारण यह है कि जिस दिन लाठीचार्ज किया गया, उस दिन मुंबई में I.N.D.I.A.अलायंस की बैठक चल रही थी। देश और राज्य भर से मीडिया की निगाहें इस बैठक पर टिकी थीं कि उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी क्या बयान देते हैं। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि यह लाठीचार्ज मिडिया का ध्यान भटकाने के लिए प्रायोजित किया गया था।

राज्य में लाखों मराठा मार्च हुए, जिसकी पूरी दुनिया में सराहना हुई। कभी भी उनकी ओर से कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया गया,यहां तक कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भी विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन पुलिस ने कभी धैर्य नहीं खोया। फिर आख़िर अब ऐसा क्या हुआ कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा? क्या सरकार इसकी गहराई से जांच करेंगी? क्या यह पता लगाया जायेगा कि मंत्रालय से गुमनाम फोन किसने किया था? राऊत ने राज्य की शिंदे – फडणवीस सरकार को घेरते हुए ऐसा तंज भरा सवाल पूछा है।

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