उद्धव गुट की उपनेता सुषमा अंधारे का भाजपा पर सनसनीखेज गंभीर आरोप 

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उद्धव गुट की उपनेता सुषमा अंधारे का भाजपा पर सनसनीखेज गंभीर आरोप 

मिड डे मिल के 100 करोड़ के घोटाले में जाँच की मांग। भाजपा नेताओं द्वारा शिंदे गुट के लोगों को बदनाम करने के षड्यंत्र के स्टिंग का भी किया दावा

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई : मिड-डे मील घोटाले को लेकर शिवसेना ठाकरे गुट की उपनेता सुषमा अंधारे ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया है। यह आरोप लगाते हुए कि मिड-डे मील घोटाला 100 करोड़ का है और यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने का एक घिनौना कृत्य है, अंधारे ने मिड-डे मील का ठेका पाने वाली 3 कंपनियों की जांच की मांग की है। ऐसा नहीं लगता कि सिर्फ अधिकारी ही इतना बड़ा घोटाला करेंगे? अंधारे ने सीधे तौर पर सरकार को आरोपियों के कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि 100 करोड़ तक का घोटाला बड़े राजनीतिक प्रोत्साहन के बिना संभव नहीं है।

मुंबई स्थित शिवसेना भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंधारे ने इस 100 करोड़ के मिड डे मील घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि हम भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए दस्तावेज़ पर काम नहीं कर रहे हैं, उसके लिए हमारे पास टीम है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर इस घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि हम हर चीज की जांच करने के बाद ही बोल रहे हैं।

अंधारे ने कहा कि एकनाथ खडसे ने विधानसभा के मानसून सत्र में मिड डे मील का मुद्दा उठाया। राज्य सरकार अटल योजना के तहत मध्याह्न भोजन योजना लागू करती है। इस योजना के तहत निर्माण श्रमिकों को दोपहर का भोजन मिलता है। मेरे पास जलगांव जिले की जानकारी है और 20 फरवरी 2023 को गायत्री सोनावणे ने अटल योजना के तहत कितने लाभार्थियों को भोजन दिया जाता है, इसकी जानकारी मांगी थी। अंधारे ने कहा कि उन्हें जवाब मिला कि 35-40 हजार लाभार्थी हैं, इसके साथ ही उन्होंने सोनावणे से 9 मार्च को यह भी बताने को कहा कि टेडर किस संस्था से ऑर्डर किया गया था और कितने बिल का भुगतान किया गया, इसके जवाब में 30 मई 2023 को मार्च तक की जानकारी उपलब्ध करायी गयी ।

सुषमा अंधारे ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए आंकड़े बताए कि किस तरह मिड-डे मील की लागत बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि 14 सितंबर से 30 सितंबर 2022 की अवधि में 15 दिनों के मध्याह्न भोजन की लागत 58 लाख 64 हजार रुपये है। लेकिन 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक एक महीने का बिल 2 करोड़ 47 लाख है, शायद निर्माण श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके बाद 1 से 30 नवंबर के बीच 3 करोड़ 13 लाख 58 हजार रुपये खर्च किए गए हैं, इस प्रकार दिसंबर माह में 4 करोड़ 53 लाख 34 हजार रुपये खर्च किये गये। 1 जनवरी से 31 जनवरी 2023 तक 6 करोड़ 96 लाख 47 हजार रुपये का खर्च दिखाया गया, 1 फरवरी से 8 फरवरी तक की अवधि में 7 करोड़ 99 लाख रुपये खर्च दिखाया गया।

इसके बाद एकनाथ खडसे ने अगले 2 महीने का खर्च सदन में पेश किया जिसमें पिछले 5 महीने का बिल 25 करोड़ रुपये निकाला गया था। फिर 2 महीने का बिल 25 करोड़ 26 लाख 62 हजार 558 रुपए का बिल निकाला गया। सुषमा अंधारे ने कहा कि लाभार्थियों की जानकारी मांगी गई थी।

अंधारे ने आगे कहा कि हमने सरकार से जानकारी मांगी है कि इस योजना से कितने लाभार्थियों को फायदा हुआ है। उन्होंने हमें कार्यकर्ताओं के नाम दिये, हमने उन कार्यकर्ताओं को बुलाया इनमें से कई गुजरात, कर्नाटक के लोग हैं और दिलचस्प बात यह है कि ये लोग महाराष्ट्र में नहीं रहते हैं। मिड-डे मील की एक प्लेट की कीमत 67 रुपये है जबकि हम 10 रुपये में शिव भोजन परोस रहे थे, यह बहुत स्वादिष्ट भोजन था। तो फिर मजदूरों को ऐसी कौन सी थाली दी जा रही है जिसमें 67 रुपये में खाना मिलता है? यह घटिया गुणवत्ता वाली चपाती, दाल खिचड़ी परोसता है। इंडोएलियन कंपनी को कैटरिंग का ठेका दिया गया है। इसमें शंकर जाधव, शिरीष सावंत, विवेक जाधव का नाम है, जो पहले भी चिक्की घोटाले और जंरडेश्वर फैक्ट्री के मामले में सामने आये थे।

सुषमा अंधारे ने मंत्री गिरीश महाजन को चुनौती देते हुए कहा कि मैं हवा में बात नहीं कर रही हूं, आप जिला बताएं, मैं उस जिले का घोटाला सामने लाकर रख दूंगी, मैं आपकी सारी इच्छा पूरी करूंगा। अंधारे ने यह भी दावा किया कि स्टिंग में यह बात भी सामने लायी जा सकती है कि किस तरह भाजपा के लोग शिंदे गुट के लोगों को बदनाम करने और परेशान करने का काम करते हैं।

सुषमा अंधारे ने कहा कि भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार के कई मामले मेरे पास आए हैं। जिनमें मेरे पास मगाठणे, नवी मुंबई, धाराशिव, जलगांव जैसे कई घोटाले हैं, हम खुद शिकार करते हैं, हम मरे हुए शिकारियों पर झपटने वालों में से नहीं हैं।

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