मैट के आदेश के बावजूद डेढ़ साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे 788 सहायक पुलिस निरीक्षक 

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मैट के आदेश के बावजूद डेढ़ साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे 788 सहायक पुलिस निरीक्षक 

सेवानिवृत्ति नजदीक आते ही सपना टूटने के संकेत, पुलिस विभाग में नाराजगी का माहौल

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

ठाणे – आगामी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय स्वशासन चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से अगला साल काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लेकिन जहां कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस निरीक्षकों के 540 पद खाली हैं, वहीं पिछले डेढ़ साल से प्रोन्नति का इंतजार कर रहे 788 सहायक पुलिस निरीक्षकों को अब तक प्रोन्नति नहीं मिली है। दिलचस्प बात यह है कि मैट के आदेश के कई महीने बाद भी कोई पदोन्नति नहीं दी गई है और विभाग के अंतर्गत आने वाले कई लोग सेवानिवृत्ति के करीब पहुंच रहे हैं, इसलिए माना जा रहा है कि पुलिस निरीक्षक बनने का उनका सपना टूट जाएगा।

राज्य पुलिस बल के 2010 बैच नंबर 102 में 533 अधिकारी और बैच नंबर 103 में 530 अधिकारी हैं। इन अधिकारियों को 2014 में पुलिस उप-निरीक्षक के पद से सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया था। ये सभी पिछले दस वर्षों से सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस निरीक्षक की सेवानिवृत्ति के बाद जैसे ही वे पद रिक्त होते हैं, सहायक पुलिस निरीक्षकों को पदोन्नत किया जाता है। लेकिन पुलिस निरीक्षक के पद खाली होने के बाद भी उन्हें प्रमोशन नहीं मिलने से अधिकारियों की नाराजगी सामने आने लगी।

पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक 2 फरवरी 2022 को हुई। नंबर 102 दस्ते के 533 अधिकारियों में से 275 अधिकारियों को पुलिस निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया, जबकि बाकी 275 अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दिया गया। 102 स्क्वाड में शेष 275 और 103 स्क्वाड में 530 अधिकारियों सहित कुल 788 सहायक पुलिस निरीक्षकों को अभी तक पदोन्नत नहीं किया गया है। इन सभी को मार्च 2023 में प्रमोशन मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उनमें निराशा है और वे अब भी प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। इनमें विभाग के तहत फौजदार हुए कई लोगों की सेवानिवृत्ति नजदीक आ गयी है और उनकी चिंता बढ़ गयी है कि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें प्रोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा।

विभाग के अंतर्गत जिन पुलिस अधिकारियों को फौजदार घोषित किया गया था, वे वरिष्ठता प्राप्त करने के लिए ‘मैट ‘में गए थे। मैट ने उन्हें वरिष्ठता लागू करने का आदेश देकर कार्यमुक्त कर दिया था। राज्य सरकार ने मैट के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और मामला अदालत में विचाराधीन है। वरिष्ठता का मामला ‘मैट’ में था, वहीं 102 दस्ते के दो सौ अधिकारियों ने पुलिस इंस्पेक्टर की प्रोन्नति नहीं होने पर ‘मैट’ में अपील की थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि भले ही उन्हें ‘मैट’ से राहत मिल गई हो, लेकिन अधिकारी अब भी प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।

पुलिस प्रशासन ने ‘मैट’ में बताया था कि पुलिस इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के 540 पद खाली हैं। पुलिस प्रशासन की ओर से मैट को बताया गया कि 46 या उससे अधिक अधिकारियों ने प्रमोशन में आरक्षण का लाभ लिया है और प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेकिन अधिकारियों के वकीलों ने मैट के समक्ष यह मुद्दा उठाया कि कोर्ट ने प्रमोशन को कोई एक्सटेंशन नहीं दिया है। इसके बाद 46 को छोड़कर अन्य अधिकारियों को मैट द्वारा पदोन्नत करने का आदेश दिया गया। यह आदेश 8 नवंबर 2011 को दिया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई महीने बीत जाने के बावजूद भी इस पर अमल नहीं हो सका है।

वरिष्ठता को लेकर ‘मैट’ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और यह मामला अदालत में विचाराधीन है। अपर पुलिस महानिदेशक (स्थापना प्रभाग) संजीव कुमार सिंघल ने कहा कि उच्च न्यायालय से सहायक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को पुलिस निरीक्षक के पद पर प्रोन्नति देने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है।

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