जिसके पास बहुमत उसी के पक्ष में जायेगा फैसला – राहुल नार्वेकर
विधायक अयोग्यता मामले पर विधानसभा अध्यक्ष के बयान से सियासी खिंचतान तेज। मामले पर विधानसभा अध्यक्ष 21 नवंबर को करेंगे सुनवाई
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – विधानसभा अध्यक्ष के कामकाज को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई सख्त टिप्पणी के कारण पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने इन 16 विधायकों की अयोग्यता पर अंतिम फैसला लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक की समय सीमा दी है। इस पृष्ठभूमि में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के एक बयान ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। राहुल नार्वेकर ने टिप्पणी की है कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है, यह बयान देकर राहुल नार्वेकर ने यह सुगबुगाहट शुरू कर दी है कि उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि विधायक अयोग्यता की सुनवाई का नतीजा क्या होने वाला है?
सुप्रीम कोर्ट ने अक्सर राहुल नार्वेकर द्वारा विधायक अयोग्यता की सुनवाई में देरी पर ध्यान आकर्षित किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि अगर नार्वेकर के लोग इन सभी कानूनी मामलों की गंभीरता को नहीं समझते हैं, तो महाधिवक्ता को उन्हें समझाना चाहिए। हालांकि इसके बाद भी राहुल नार्वेकर बार-बार यह वाक्य बोल रहे हैं कि मैं संविधान के मुताबिक काम करूंगा, लोगों को न्याय मिलना चाहिए। ताकि वे न्याय पाकर खुशी मना सकें, आतिशबाजी के लिए अभी कुछ समय बाकी है। लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है, इसलिए वर्तमान स्थिति में संविधान के नियमों का पालन किया जायेगा। राहुल नार्वेकर ने कहा कि वही फैसला आएगा जिसकी लोगों को उम्मीद होगी और जो कानून का पालन करेगा।
आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही यह रुख अपना चुके हैं कि बहुमत महत्वपूर्ण है। फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था जिसमें कहा गया था कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। उस समय एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इस नतीजे ने साबित कर दिया है कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है, उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला योग्यता पर आधारित है। फिलहाल शिवसेना के कुल 54 विधायकों में से 40 विधायक शिंदे गुट के साथ हैं और 14 विधायक ठाकरे गुट के साथ हैं। विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विधायक अयोग्यता मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।