नीलम गोऱ्हे और मिलिंद नार्वेकर ने पुणे में लॉकडाउन के दौरान हिंसा फैलाने का बनाया था प्लान – मीरा बोरवणकर
मीरा बोरवणकर के बयान से पुलिस पर राजनितिक दबाव की खुली पोल। सकते में शिवसेना दोनों गुटों के नेता
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – दंगे अचानक नहीं होते बल्कि दंगों की योजना बनाई जाती है। पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरणकर ने आरोप लगाया है कि हिंसा के साथ भी ऐसा ही होता है। उन्होंने कहा है कि पुणे में हिंसा के समय विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोऱ्हे और मिलिंद नार्वेकर के बीच फोन पर चर्चा हुई थी कि हिंसा कैसे फैलाई जाए।
हमारे पास मिलिंद नार्वेकर और नीलम गोऱ्हे के बीच हुईं बातचीत की एक रिकॉर्डिंग थी, जिसमें इसका जिक्र है कि पुणे में लॉकडाउन के दौरान कहां और कैसे हिंसा फैलाई जाए। लेकिन हमारी ही पुलिस ये मामला दर्ज करने को तैयार नहीं थी। मुझसे यह भी कहा गया कि अगर आप मुंबई की पुलिस कमिश्नर बनना चाहती हैं तो आपको यह केस दायर नहीं करना चाहिए।
हमारे पास मिलिंद नार्वेकर और नीलम गोऱ्हे के खिलाफ पुख्ता सबूत थे, हालाँकि राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की जा सकी। साथ ही यह भी चौंकाने वाली जानकारी दी गई कि अगर आप राजनीतिक नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगी तो आपको पोस्टिंग नहीं मिलेगी। मीरा बोरणकर ने ये आरोप एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, हालांकि इसका उल्लेख उनकी किताब मैडम कमिश्नर में भी किया गया है।
नागरिकों और मीडिया को भी पता था कि उस समय मेरे पास पुख्ता सबूत थे कि दंगे कराये गये हैं मीरा बोरणकर ने यह भी बताया कि उस वक्त का दंगा पूर्व नियोजित था।