चुनावी सीजन की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार दे सकती है बड़ा तोहफा
शिंदे सरकार कर रही तीन पहलुओं पर विचार। पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर वैट कम कर आम जनता को बड़ी राहत देने पर मंथन
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा लगातार सत्ता पक्ष पर निशाना साधने की पृष्ठभूमि में और त्योहारी सीजन में आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से शिंदे सरकार ने राज्य में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में जीएसटी विभाग की ओर से राज्य सरकार को करीब तीन प्रस्ताव सौंपे गये हैं, माना जा रहा है कि पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रण में रखने से सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा जिसमें पेट्रोल के लिए 50 करोड़ और डीजल के लिए 150 करोड़ का बोझ उठाना पड़ेगा।
जिन तीन प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है उनमें मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे के महानगर पालिका क्षेत्रों में शेष महाराष्ट्र की तरह वैट लगाना, पूरे महाराष्ट्र में एक ही ‘रेव्हन्यू न्यूट्रल वन रेट लागू करना और मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई में लागू दरों को एमएमआरडीए जोन में भी लागू करना।
महाराष्ट्र में इस समय पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। कई महानगर पालिकाओं में, विशेष रूप से मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और छत्रपति संभाजीनगर जैसे महानगर पालिका क्षेत्रों में, पेट्रोल पर 5.12 रुपये प्रति लीटर के साथ 26 प्रतिशत वैट लगाया जाता है। बाकी महाराष्ट्र में दर 25 फीसदी और 5.12 रुपये प्रति लीटर है। इन महानगर पालिका क्षेत्रों में प्रति डीजल 24 प्रतिशत और शेष महाराष्ट्र में 21 प्रतिशत वैट लगाया जाता है।
पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए आने वाले चुनावों में इसका असर पड़ सकता है। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले राज्य सरकार इस कीमत खासकर वैट को कम करने के बारे में सोच रही है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई हरी झंडी को लेकर जीएसटी विभाग ने राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। मुख्यतः तीन प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये हैं। मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और छत्रपति संभाजीनगर जैसे महानगर पालिका क्षेत्रों में वैट कम करने और शेष महाराष्ट्र की तर्ज पर वैट लगाने का एक बड़ा प्रस्ताव रखा गया है। इससे पेट्रोल से करीब 50 करोड़ और डीजल से 150 करोड़ का राजस्व कम हो सकता है। वहीं पूरे महाराष्ट्र में एक ही ‘रेवेन्यू न्यूट्रल वन रेट’ लागू करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया है। इसके मुताबिक पेट्रोल पर वैट दर 0.11 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 0.15 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लैट रेट प्रस्ताव से राज्य के राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए दरों की गणना इस बात पर निर्भर करेगी कि राज्य सरकार अब इनमें से किस प्रस्ताव पर विचार करती है।
तीसरे प्रस्ताव के तौर पर जो रेट अभी मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई में लागू है उसे एमएमआरडीए क्षेत्र में भी लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है। अनुमान है कि इससे पेट्रोल से 25 करोड़ और डीजल से 150 करोड़ रुपये का राजस्व बढ़ सकता है।