बागी विधायकों की अयोग्यता मामले पर स्पीकर राहुल नार्वेकर का महत्वपूर्ण निर्णय
सभी 34 याचिकाओं को 6 समूहों में बांटकर सभी 6 याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करेंगे विधानसभा अध्यक्ष, अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष शिवसेना ठाकरे गुट और शिंदे गुट द्वारा कुल 34 याचिकाएं दायर की गई हैं। ठाकरे गुट की मांग थी कि इन सभी 34 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जाए। शुक्रवार 20 अक्टूबर को हुई सुनवाई में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 34 याचिकाओं को 6 गुटों में बांटकर इन 6 याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला किया। साथ ही अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को तय की है।
इस अवसर पर राहुल नार्वेकर ने दोनों पक्षों को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में जमा किए गए दस्तावेज 25 अक्टूबर तक विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष जमा करने का भी आदेश दिया है। तो अब सबकी नजर इस बात पर है कि इस सुनवाई में वास्तव में क्या निर्णय होता है।
सुनवाई में ठाकरे गुट ने अर्जी दाखिल कर शिंदे गुट से कुछ दस्तावेजों की मांग की, इस पर नाराजगी जताते हुए राहुल नार्वेकर ने कहा कि ठाकरे गुट हर सुनवाई में एक नई अर्जी लगा रहा है। इससे समय बर्बाद होगा और सुनवाई में देरी होगी। ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट में एक रुख और विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई में अलग रुख क्यों अपनाता है?
वहीं असीम सरोदे ने इस मुद्दे पर कहा था कि महाराष्ट्र के सभी लोग जानते हैं कि सत्ता संघर्ष से जुड़ी 34 याचिकाओं की सुनवाई एक बहुत ही निष्पक्ष, उचित और कानूनी मांग है। कोई भी व्यक्ति जो वकील नहीं है और जिसने कानून नहीं पढ़ा है, वह कहेगा कि किसी एक राजनीतिक घटना और परिस्थिति से उपजे मामले की संयुक्त सुनवाई की मांग बिल्कुल सही है।
असीम सरोदे ने कहा कि हालांकि, कानूनी प्रक्रियाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता तब तक नहीं लाई जा सकती जब तक कि समाज उन लोगों को बुद्धिमान मानने के तरीके को नहीं बदलता जो किसी मामले को लंबा खींच सकते हैं, देरी कर सकते हैं और मामले में भ्रम पैदा कर सकते हैं।