प्याज व्यापारियों की 13 दिन से चल रही हड़ताल खत्म 

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प्याज व्यापारियों की 13 दिन से चल रही हड़ताल खत्म 

फिर से गुलजार हुईं एशिया की सबसे बड़ी प्याज़ मंडीयां। व्यापारियों में संतुष्टि, लेकिन किसानों की हालत जस की तस 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – नाशिक के प्याज़ व्यापारियों ने 30 सितम्बर से जारी अपनी 13 दिवसीय हड़ताल वापस लें ली है। विंचूर मंडी को छोड़कर पिछले 13 दिनों में नाशिक के किसी और मंडी में प्याज़ की नीलामी नहीं हो रही थी। एशिया की सबसे बड़ी मंडीयां लासलगांव और पिम्पलगांव में भी पिछले 13 दिनों से कारोबार बंद था। प्याज़ की क़ीमतों को काबू में रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्याज़ निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का निर्देश दिया गया था। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ नाशिक के प्याज़ व्यापारी 20 सितम्बर से हड़ताल पर चले गये। व्यापारी यह भी मांग कर रहे थे कि एग्रीकल्चरल कॉ -ऑपरेटिव मार्केटिंग फ़ेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल कॉ -ऑपरेटिव कंस्यूमर्स फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड अपने स्टॉक कॉ खुदरा बाजार में कम कीमत पर जारी न करे, ज़ब कोई कीमत न हो। इससे उनके मुनाफे कॉ नुकसान होगा।

केंद्र और राज्य सरकार के साथ कई दौर की बैठक के बाद व्यापारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। हालांकि हड़ताल के चलते न ही आपूर्ति पर कोई असर पड़ा और न ही व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर, लेकिन इसका असर प्याज़ किसनों पर पड़ा, जो पहले ही बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक प्याज़ किसान संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि किसानों के लिए नुकसान पहले ही हो चूका है, व्यापारियों कॉ वास्तव में कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है। उनके पास प्याज़ का पर्याप्त स्टॉक था, जिसे वे बेचते रहे। लेकिन किसानों क़ो एकबार फिर इस हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ा है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण पहले ही प्याज़ की गुणवत्ता खराब हो चुकी है और शेल्फ जीवन कम हो गया है। किसानों के पास जो भी स्टॉक मौजूद था वह सड़ रहा था। 13 दिनों तक किसानों के पास अपना प्याज़ बेचने का कोई रास्ता नहीं था।

बता दें की अगस्त महीने में प्याज़ की थोक कीमतें 22 – 24 रूपये प्रति किलो तक पहुँच गयी थी। क़ीमतों में भारी वृद्धि की भविष्यवाणी करने वाली विभिन्न रिपोर्ट क़ो ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने 19 अगस्त क़ो प्याज़ के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया। इसने अगस्त में प्याज़ क़ो कम कीमत पर खुदरा बाजार में भी जारी किया।

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