संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर को ईडी ने किया गिरफ्तार
किरीट सोमैया द्वारा कोरोना काल में जम्बो सेंटर में कथित घोटाले के चलते हुईं गिरफ़्तारी। डॉ. किशोर बिसुरे भी हिरासत में लिए गये
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ईडी ने कोरोना काल में हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोप में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर और डॉ. किशोर बिसुरे को गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. बिसुरे दहिसर स्थित कोरोना फील्ड हॉस्पिटल के प्रमुख थे, जिसे संजीव जयसवाल ने मंजूरी दी थी। ईडी को शक है कि सुजीत पाटकर ने इसमें मध्यस्थता की थी।
ईडी ने कुछ महीने पहले राजधानी मुंबई में कथित कोविड घोटाले के संबंध में जांच शुरू की थी। जून महीने में ईडी ने 16 जगहों पर एक साथ छापेमारी की थी। फिर ईडी की टीम ने सुजीत पाटकर के घर पर भी छापेमारी की। सुजीत पाटकर लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के निदेशक के पद पर कार्यरत थे, इसलिए उनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की गई।
ईडी को शक है कि कोरोना काल में अस्पताल के निर्माण में घोटाला हुआ है। पिछले महीने ईडी ने जिन जगहों पर छापेमारी की थी उनमें सांताक्रूज, मलाड, विलेपार्ले, वर्ली की जगहें शामिल थीं। 24 अगस्त 2022 की एफआईआर के आधार पर ईडी ने छापेमारी की थी। पाटकर के साथ-साथ ईडी ने शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी सूरज चव्हाण से जुड़े ठिकानों पर भी छापेमारी की थी।
भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि कोरोना काल में दिए गए कई ठेकों में घोटाला हुआ है। सुजीत पाटकर ने मुंबई के विभिन्न जंबो कोरोना केंद्रों पर जून 2020 से मार्च 2022 तक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए निविदाएं निकालने के लिए एक कंपनी ‘लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज’ की स्थापना की। सोमैया ने आरोप लगाया था कि कंपनी पहले अस्तित्व में नहीं थी और केवल अनुबंध पाने के लिए जाली दस्तावेजों के जरिए बनाई गई थी।
सुजीत पाटकर के साथ लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पार्टनर डॉ. हेमंत गुप्ता, संजय शाह और राजू सालूंखे ने मिलकर 38 करोड़ रूपये का घोटाला किया,ऐसा आरोप किरीट सोमैया ने अपनी शिकायत में कहा था। सोमैया की शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने चिकित्सा जनशक्ति प्रदान करने में अनुभव और ज्ञान का नाटक करके अनुबंध प्राप्त किया। उनकी शिकायत के आधार पर आजाद मैदान पुलिस ने पहले ही सुजीत पाटकर और अन्य साझेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।