शिवसेना में घर वापसी या भाजपा का देंगे साथ? कांग्रेस का दामन छोड़ने की तैयारी में संजय निरुपम
मुंबई में कांग्रेस को चौथा बड़ा झटका लगना तय, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लगातार संपर्क में संजय निरुपम
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई प्रदेश कांग्रेस को चौथा बड़ा झटका लगने की संभावना है। मिलिंद देवड़ा शिवसेना में शामिल हो गए हैं और राज्यसभा सीट जीत ली है। बाबा सिद्दीकी अजित पवार की पार्टी राकांपा में शामिल हो गए हैं और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी राज्यसभा सांसद बनने के लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। जहां कांग्रेस इन झटकों से उबरने के लिए प्रयत्नशील है, वहीं चर्चा है कि मुंबई में पार्टी के नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम का भी पार्टी छोड़ना लगभग तय है। चर्चा है कि संजय निरुपम कांग्रेस छोड़कर शिवसेना या भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
महाविकास अघाड़ी के सीटों के बंटवारे में मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा क्षेत्र का मामला नहीं सुलझ पाया है। जिन निर्वाचन क्षेत्रों के कारण मवीआ का सीट आवंटन रुका हुआ है उनमें मुंबई उत्तर पश्चिम सीट भी शामिल है। शिवसेना ठाकरे गुट ने उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के लिए समन्वयक नियुक्त किया है। इससे संभावना है कि यह सीट ठाकरे के खाते में जा सकती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में संजय निरुपम ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था, हालाँकि वे हार गए। इस सीट पर वर्तमान में मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर और अमोल कीर्तिकर उम्मीदवार हो सकते हैं। इस सीट पर रामदास कदम की भी नजर थी। यदि कांग्रेस को यह सीट नहीं मिली तो संजय निरुपम अलग फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक संजय निरुपम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से लगातार चर्चा कर रहे हैं।
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान में शिवसेना के गजानन कीर्तिकर सांसद हैं और वह फिलहाल एकनाथ शिंदे के साथ हैं। गजानन कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर शिवसेना ठाकरे गुट में हैं। फिलहाल चर्चा है कि कीर्तिकर पिता-पुत्र इस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
अगर संजय निरुपम अलग फैसला लेते हैं और पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल होते हैं तो गजानन कीर्तिकर के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। एकनाथ शिंदे को इस दुविधा का सामना करना पड़ सकता है कि वे संजय निरुपम या गजानन कीर्तिकर में से किसको मैदान में उतारें।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को नए साल में पहले ही तीन बड़े झटके लगे हैं, मुंबई कांग्रेस के दो नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। शिवसेना के ठाकरे गुट ने मुंबई उत्तर पश्चिम सीट के लिए समन्वयक के नाम की घोषणा कर दी है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस को यह सीट मिलेगी या नहीं। इसके चलते संजय निरुपम की नाराजगी बढ़ने की आशंका है।
जब अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी थी तो संजय निरुपम ने कहा था कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे और इसे महज दलबदल की अफवाह बताया था। हालांकि यह देखना होगा कि क्या संजय निरुपम की शिवसेना में घर वापसी होगी क्योंकि सूत्रों से जानकारी सामने आई है कि वह एकनाथ शिंदे से बातचीत कर रहे हैं। देखना होगा कि क्या संजय निरुपम कांग्रेस में रहेंगे या फिर देवड़ा की तरह शिवसेना का इंतजार करेंगे या फिर अशोक चव्हाण की तरह कमल का सहारा लेंगे।