अजित पवार गुट विधायकों की अयोग्यता का मामला, फैसले के लिए मिला एक्सटेंशन

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अजित पवार गुट विधायकों की अयोग्यता का मामला, फैसले के लिए मिला एक्सटेंशन

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाया फैसले का समय। विधानसभा स्पीकर को 31 जनवरी के बजाय अब 15 फरवरी तक लेना होगा फैसला 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को राकांपा के बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए 15 फरवरी तक समय बढ़ा दिया है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गुट से जुड़े राकांपा विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली शरद पवार गुट की तरफ से दाखिल की गई है।

राहुल नार्वेकर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में दलील दी कि अयोग्यता की याचिकाओं पर आदेश देने के लिए कुछ और समय लगेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इन दलीलों को मान लिया। इससे पहले, कोर्ट ने इस फैसले के लिए स्पीकर को 31 जनवरी तक का समय दिया था।

महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर की ओर से विधायकों की अयोग्यता मामले में राकांपा विधायक जयंत पाटिल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि अब तक विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने संबंधित विधायकों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब भी नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल 2 जुलाई को विधायकों की अयोग्यता की अर्जी दी गई थी, जबकि रिमाइंडर और रिप्रेजेंटेशन पांच सितंबर और सात सितंबर को दिया गया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि अजित पवार और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द निर्णय लेने के लिए स्पीकर नार्वेकर को आदेश दें।

अजित पवार ने पिछले साल 2 जुलाई को राकांपा के आठ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसी दिन शिंदे सरकार में अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद राकांपा दो धड़ों में बट गई थी। एक गुट अजित पवार और दूसरा शरद पवार का हो गया था।

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