खिचड़ी घोटाले की आंच से बढ़ सकती हैं संजय राऊत की मुश्किलें
6.37 करोड़ के कथित घोटाले में संजय राऊत के भाई और बेटी के खाते में भेजे गये पैसे। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई के हाथ लगे अहम सबूत
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – उद्धव गुट के शिवसेना सांसद संजय राउत की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कोरोना काल में हुए खिचड़ी घोटाले की जांच अब संजय राउत और उनके परिवार तक पहुंच गई है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध ईकाई (EOW) को जांच में बड़े सबूत हाथ लगे हैं। पुलिस के मुताबिक़ खिचड़ी घोटाला मामला करीबन 6.37 करोड़ रुपये का है। इस खिचड़ी घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू के मुताबिक पैकेट में जितना खिचड़ी होना चाहिए उससे कम वजन की खिचड़ी सप्लाई की गई।
इस घोटाले में मुंबई महानगर पालिका से चीटिंग कर सह्याद्रि रिफ़्रेशमेंट ने 6.37 करोड़ रुपये कमाए जिसमें से एक करोड़ रुपये के करीब पैसे अलग-अलग अकाउंट में भेजे गए। ईओडब्ल्यू के मुताबिक़ संजय राऊत की बेटी विधिता संजय राऊत के अकाउंट में 14.75 लाख रुपये भेजे गये। वहीं संजय राऊत के भाई संदीप राऊत के अकाउंट में 7.75 लाख रुपये भेजे गये। इसके अलावा संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर के अकाउंट में भी 45 लाख रुपये भेजे गए हैं।
खिचड़ी घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने सांसद संजय राऊत के भाई संदीप राऊत का बयान दर्ज किया है। संदीप राऊत ने ईओडब्ल्यू को बताया कि सह्याद्री रिफ्रेशमेंट के खाते से उनके खाते में पैसे आए थे और ये पैसे उसे किराए के तौर पर मिले थे। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बैंक लेनदेन की जांच की तो उन्हें पता चला कि संदीप राऊत के खाते में 8 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जब अधिकारियों ने संदीप राऊत से इस वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी 300 वर्ग फुट जगह का इस्तेमाल खिचड़ी बनाने के लिए किया गया था। संदीप राऊत ने दावा किया कि ये पैसे उस जगह के किराये के तौर पर लिए गए थे। ईओडब्ल्यू के अधिकारी ने कहा कि संदीप राऊत ने इस संबंध में कोई पत्र या संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है।
ईओडब्ल्यू के अधिकारी ने बताया की संजय राऊत की बेटी विधिता राऊत के अकाउंट में 14.75 लाख रुपया ट्रांसफर किया गया। अब ये पैसा कहां से आया ये सवाल है। सजय राऊत के छोटे भाई संदीप राऊत से ईओडब्ल्यू ने 6 अक्टूबर को खिचड़ी घोटाले मामले में पूछताछ की थी। संदीप राऊत ने कहा कि उन्होंने कोई घोटाला नहीं किया है। संजय राऊत का भाई होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है। बीएमसी ने खिचड़ी बनाने के लिए सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट को 6.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।