मुलुंड के बाद भाईंदर में भी गर्माया गुजराती विरुद्ध मराठी का मामला

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मुलुंड के बाद भाईंदर में भी गर्माया गुजराती विरुद्ध मराठी का मामला

गुजराती बाहुल सोसाइटी द्वारा मराठी खरीददार को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने से इंकार। शिकायतकर्ता ने कहा मराठी होने के चलते हो रहा दुर्व्यवहार 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

भाईंदर – कुछ दिनों पहले मुलुंड में मराठी परिवार को मकान किराये पर देने से इनकार करने की घटना सामने आई थी। इसके बाद अब भायंदर में भी एक परिवार को घर खरीदने से मना कर दिया गया है क्योंकि वो मराठी हैं। परिवार ने मकान खरीदने के लिए आधा लेनदेन भी पूरा कर लिया है।

गणेश रणखांबे अपने परिवार के साथ भायंदर पश्चिम स्थित शिवसेना गली में किराए के कमरे में रहते हैं। वे कुछ महीनों से अपने लिए घर की तलाश कर रहे थे। उन्हें पता चला कि यहां के जैन मंदिर परिसर स्थित ‘जय श्रीपाल’ बिल्डिंग में एक फ्लैट बिकाऊ है, इसलिए उन्होंने घर के मालिक से संपर्क किया और 25 लाख रुपये में सौदा तय किया। मार्च में उन्होंने मकान मालिक को 7 लाख रुपये का भुगतान किया, और इसका रजिस्ट्रेशन भी कराया गया। रणखांबे मकान की शेष राशि का भुगतान करने के लिए बैंक से लोन लेना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें सोसाइटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की अवश्यकता है। लेकिन सोसाइटी द्वारा इससे इनकार किया जा रहा है। रणखांबे का कहना है कि घर के मालिक ने लेनदेन रद्द करने की भी बात कहीं है।

इस इमारत में कुछ फ्लैट के खरीदारों को सोसायटी की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिया गया है। लेकिन क्योंकि इमारत में हर कोई अन्य भाषी हैं, इसलिए मुझे मना किया जा रहा है, रणखांबे ने बताया।

इस बीच इस संबंध में रणखांबे ने भायंदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही उन्होंने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है। इस पर संज्ञान लेते हुए मनसे पदाधिकारी हरेश सुतार ने चेतावनी दी है कि अगर तीन दिन के भीतर सोसाइटी ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं दिया और लेनदेन पूरा नहीं किया गया तो मनसे इसपर सख्त कदम उठाएगी।

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