अजित पवार का पार्टी का अध्यक्ष बनना और पार्टी के नाम और चिन्ह का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है, 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई करे ईसी – शरद पवार 

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अजित पवार का पार्टी का अध्यक्ष बनना और पार्टी के नाम और चिन्ह का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है, 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई करे ईसी – शरद पवार 

राकांपा सुप्रीमो का चुनाव आयोग को सीधा जवाब, अजित पवार गुट द्वारा पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह का उपयोग असंवैधानिक 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) चीफ शरद पवार ने 8 सितंबर को चुनाव आयोग को बताया कि उनकी पार्टी में कोई फूट नहीं है। वे पार्टी के अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल प्रदेश अध्यक्ष हैं, जो अभी भी उनके साथ हैं। ऐसे हालात में अजित पवार गुट पार्टी पर दावा कैसा कर सकता है?

उन्होंने कहा कि अजित पवार का पार्टी का अध्यक्ष बनना और पार्टी के नाम और चिन्ह का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की जाए।

उधर अजित पवार ने चुनाव आयोग को बताया कि मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं, इसका फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने लिया है। पार्टी का बहुमत और संख्या हमारे पास है। इसीलिए हमारे गुट के विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई नहीं हो सकती।

दरअसल जुलाई 2023 में अजित पवार 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद शरद पवार ने चुनाव आयोग से उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की। वहीं अजित पवार गुट ने इलेक्शन कमीशन में दावा किया था कि वो असली राकांपा हैं, जिसके अध्यक्ष अजित पवार हैं। अजित गुट ने इससे जुड़े दस्तावेज भी चुनाव आयोग को सौंप दिए थे। आयोग ने इस पर जवाब देने के लिए शरद पवार गुट को तीन हफ्तों यानी 9 सितंबर तक का समय दिया था। इलेक्शन कमीशन की ओर से मिली मियाद खत्म होने से पहले ही शरद पवार ने मेल के जरिए जवाब दाखिल कर दिया है। इसमें उन्होंने अजित पवार के सभी दावों का खंडन किया है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 5 जुलाई को शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था और खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बताया था। प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में 30 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी, उसी में यह फैसला हुआ था। इसके बाद दोनों गुटों के नेता चुनाव आयोग पहुंचे थे।

अजित पवार गुट ने आयोग में राकांपा और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को ही पत्र भेजा था। वहीं शरद पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र में पार्टी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित पवार समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

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