मुंबई में 26/11 से बड़े और अत्यधिक खौफनाक हमला करने की फिराक में थे आतंकी 

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मुंबई में 26/11 से बड़े और अत्यधिक खौफनाक हमला करने की फिराक में थे आतंकी 

पुणे से गिरफ्तार इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रान्त के दोनों आतंकवादियों से जब्त सामग्री में खुलासा। खुफ़िया सूत्रों नें जानकारी देते हुए बताया 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – शीर्ष खुफ़िया सूत्रों नें खुलासा किया है कि पिछले दिनों पुणे में एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये दो आतंकी 26/11के मुंबई आतंकवादी हमलों से भी बड़ा और हाईटेक हमला करना चाहते थे। खुफ़िया सूत्रों नें बताया कि 18 जुलाई को एटीएस नें पुणे के कोथरूड इलाके से मोहम्मद इमरान और मोहम्मद यूनुस को गिरफ्तार किया था, जो इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रान्त (ISKP) की शाखा SUFA के लिए काम कर रहे थे। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को राजस्थान के एक मामले में इन लोगों की तलाश थी।

एटीएस नें हाल ही में इमरान और यूनुस की मदद करने के आरोप में रत्नगिरी के पेंडारी के सिमाब नसरुद्दीन काज़ी को भी गिरफ्तार किया था। जाँच में पता चला है कि मेकेनिकल इंजीनियर काजी ने कोंढ़वा स्थित ग्राफीक डिज़ाइनर कादिर दस्तगीर पठान को भी पैसे भेजे थे।

सूत्रों नें यह भी बताया कि इमरान और यूनुस कट्टर इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) का संचालक है। सूत्रों के मुताबिक दोनों संदिग्धों नें मुंबई में कोलाबा स्लम इलाके के पास चाबड़ हाउस और नेवल हैलिपेड सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी। खास बात यह कि ये स्थान न केवल महत्वपूर्ण बल्कि राजनितिक भी हैं। इसलिए यहां हमला करने का मकसद बड़ी क्षति रहा होगा। साथ ही वे मुंबई के प्रमुख मंदिरों पर हमले की भी योजना बना रहे थे जहां श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होती है।

सूत्रों नें कहा कि वे पनबिजली परियोजनाओं पर भी हमला करना चाहते थे जो देश के विकास और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं, उन्होंने कहा कि संदिग्धों नें कोलाबा क्षेत्र की कई तस्वीरें खींची थी। इनके पास से हाईटेक नक़्शे मिले हैं, हालांकि साजिश की शुरूआती अवस्था में ही वे जाँच एजेंसियों के हत्थे चढ़ गये।

खुफ़िया सूत्रों नें कहा कि उनके लैपटॉप के डेटा से यह भी पता चलता है कि उन्होंने बड़े और लंबे काफिले वाले वीआईपी मूवमेंट पर काफ़ी रिसर्च किया था। यह समूह बहुत ही नियोजित और व्यवस्थित ढंग से काम कर रहा था। एक तरफ वे रेकी कर रहे थे और दूसरी तरफ वे लोगों को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग भी दे रहे थे। उनके ठिकानों से बहुत सारी प्रशिक्षण सामग्री भी जब्त की गई है।

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