शिंदे – फडणवीस के बीच सब कुछ ठीक नहीं

Spread the love

शिंदे – फडणवीस के बीच सब कुछ ठीक नहीं

दिवा पहुंचे एकनाथ शिंदे के स्वागत में लगे बैनर से उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रविंद्र चव्हाण की तस्वीर गायब। दिवा में भाजपा – शिवसेना की कभी नहीं बनी

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

डोम्बिवली – राज्य में भाजपा और शिंदे गुट की शिवसेना के बीच तनातनी की अटकलों के बीच विवाद अब और बढ़ता नजर आ रहा है। अब डोम्बिवली में लगा एक पोस्टर चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तो हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विकास कार्यों का उद्घाटन और कई नई परियोजनाओं का शिलान्यास करने बुधवार को दिवा आये थे। माना जाता है कि दिवा में कभी भी भाजपा और शिवसेना में आपस में नहीं बनी।

ठाणे के पूर्व उपमाहापौर रमाकांत मढवी और शिंदे गुट के दिवा शहर प्रमुख द्वारा एक बैनर लगाया गया था। जिसमें देखा गया कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे समेत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे का फोटो लगा है, लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ साथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चव्हाण की तस्वीर भी बैनर से गायब है।

एक रिपोर्ट में मढवी के हवाले से बताया गया है कि यह साफ है कि दिवा में भाजपा और शिवसेना कितने करीबी हैं। उन्होंने कहा कि न्योता देने के बावजूद भी भाजपा नहीं आएगी। कहा जाता गई कि ठाणे महानगर पालिका में भाजपा – शिवसेना गठबंधन होने के बाद भी दिवा शहर ने दोनों पार्टी के कार्यकर्ता कभी एकसाथ नहीं आये। दोनों दलों के बीच टकराव चलता रहता है।

डोम्बिवली में भी भाजपा और शिवसेना के बीच दरार बढ़ती नजर आ रही है। चव्हाण के करीबी माने जाने वाले नेता नंदू जोशी के खिलाफ दर्ज मामले को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है। इसके अलावा कल्याण लोकसभा सीट से भाजपा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है, जिसकी वजह से विवाद और गहराता नजर आ रहा है।

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पहले ही साफ कर चुकी है कि पार्टी भाजपा के साथ मिलकर उन सभी 22 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, जहां 2019 में अविभाजित शिवसेना मैदान में थी। शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने जानकारी दी थी कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे लेकर समीक्षा बैठक भी की थी |पिछले साल 2022 में अविभाजित शिवसेना के 19 में से 12 सांसद शिंदे को समर्थन दे सगके थे। बाद में यह संख्या बढ़कर 13 हो गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon