विधायकों की अयोग्यता को लेकर उलझी राज्य की ट्रिपल इंजन सरकार
कानूनी पचड़ों से बचने और नाराज विधायकों को खुश करने, वर्षा बंगलें पर हुईं गुप्त बैठक। मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रीयों के बीच दो घंटे चली बातचीत
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मौजूदगी में एक अहम बैठक हुई। माना जा रहा है कि करीब दो घंटे तक चली बैठक में तीनों नेताओं ने इस बात पर चर्चा की है कि बागी विधायकों की अयोग्यता मामले से उत्पन्न कानूनी दुविधा से कैसे बाहर निकला जाए और एक कानूनी फर्म की मदद कैसे ली जाए। इसके अलावा पता चला है कि राज्य में मराठा और ओबीसी आरक्षण को लेकर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी बात रखने को लेकर भी चर्चा हुई।
यह बैठक देर रात वर्षा बंगले पर आयोजित की गई। विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई कब होगी इसका शेड्यूल स्पीकर ने पहले ही घोषित कर दिया है, लेकिन अब यह समझा जा रहा है कि यदि इस मामले में कोई कानूनी दुविधा उत्पन्न होती है तो राज्य स्तर पर इससे कैसे निपटा जाए। इस संबंध में नियुक्त लॉ फर्म और राज्य के कानून विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर अगली रणनीति तैयार की जाएगी। राज्य में इस समय मराठा, ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। रविवार को दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुईं और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस उस बैठक में शामिल हुए। कयास लगाया जा रहा है कि बैठक में इसी पृष्ठभूमि पर भी चर्चा हुई।
पिछले साल मुल शिवसेना से बगावत कर राज्य में शिंदे सरकार अस्तित्व में आई थी, उसके बाद से कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ। इस बीच अजित पवार गुट के नेता इस सरकार में शामिल हो गये और पवार गुट के नेताओं ने मंत्रीपद की शपथ ली। लेकिन शिंदे गुट और भाजपा का कैबिनेट विस्तार अब भी रुका हुआ है। समझा जाता है कि इस बैठक में कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा हुई। समझा जा रहा है कि इसी वक्त केंद्र में भाजपा नेतृत्व के कानों में विस्तार की बात डालने का फैसला किया गया है।