शिवसेना युबीटी छोड़ शिंदे गुट में शामिल विधायक मनीषा कायंडे पर एक्शन लेने की तैयारी में उद्धव ठाकरे
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : शिवसेना विधायक एडवोकेट मनीषा कायंडे रविवार को उद्धव ठाकरे गुट छोड़कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गई। उद्धव ठाकरे समूह विधान परिषद की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोरहे को मनीषा कायंडे पर अयोग्यता याचिका प्रस्तुत करेगी। ठाकरे समूह के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा चल रही है और याचिका दो-तीन दिनों में प्रस्तुत की जाएगी।
कायंडे हाल ही में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शिंदे गुट में शामिल हो गई थी। विधानसभा में शिवसेना के 40 विधायकों के शिंदे गुट में शामिल होने के बाद विधान परिषद विधायक विप्लव बाजोरिया भी शिंदे के साथ सार्वजनिक मंच पर गए। कायंडे के जाने के बाद विधान परिषद में और विधायक न टूटें इसके लिए ठाकरे गुट रणनीति तैयार कर रहा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की विधायक एवं एडवोकेट अनिल परब और अन्य नेताओं से चर्चा चल रही है।
विधान परिषद में महाविकास अघाड़ी का बहुमत है और उपाध्यक्ष पद शिवसेना ठाकरे गुट की नेता डॉ.नीलम गोरहे के पास है। कायंडे की अयोग्यता याचिका पर विधानसभा में विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं की तर्ज पर उपाध्यक्ष के समक्ष सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई का आदेश दिया है और उसके मुताबिक कायंडे के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें नोटिस तामील करने और अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो से चार सप्ताह का समय देना होगा। इसके बाद सुनवाई में वकीलों को अपनी दलीलें पेश करने और फैसले में कुछ वक्त लगेगा। विधानपरिषद का मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है और ठाकरे समूह उससे पहले कायंडे को अयोग्य घोषित करने की कोशिश कर रहा है। ठाकरे गुट के नेताओं को लगता है कि इससे संभावित फूट को भी रोका जा सकता है।