रिंग रुट में बाधित किसानों का मनपा के खिलाफ धरना आंदोलन
मुआवजे में टीडीआर की बजाय धनराशि देने की मांग
भूमिपुत्रों का आर्थिक शोषण कर रही है मनपा-गजानन पाटील
आकीब शेख
डोंबिवली– कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका ने रिंग रूट से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की बजाय टीडीआर घोषित कर दिया है। कई किसानों के पास जमीन नहीं बची है। इसलिए टीडीआर सिर्फ कागजों पर ही रहेगा। जिसके कारण रिंग रूट से प्रभावित किसान धन के रूप में मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसी के तहत डोंबिवली पश्चिम के देवीचापाड़ा, चिंचोड्याचापाड़ा, कुंभारखान पाड़ा और नवापाड़ा के भूमिपुत्र एकजुट होकर भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। कल्याण-डोंबिवली मनपा द्वारा किया जा रहा भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है। नगर रचना विभाग व ठेकेदार की लापरवाही को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और नगर आयुक्त के ध्यान में लाया गया है। इस विषय में यहां के किसान सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने वाले हैं।
बाधित भूमिपुत्रों ने रविवार को डोंबिवली पश्चिम के देवीचा पाड़ा के चकाचक मंदिर परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। इस अवसर पर प्रल्हाद म्हात्रे, सदाशिव म्हात्रे, बंडू पाटील, संतोष म्हात्रे, दयानंद म्हात्रे, हरि म्हात्रे, उदय मुंडे, मधुकर माली, गजानन पाटील, दीपक ठाकुर, प्रल्हाद ठाकुर, राजू म्हात्रे, दीपेश अनिल म्हात्रे, जगदीश ठाकुर आदि सहित सभी प्रभावित किसान व ग्रामीण उपस्थित थे। इस अवसर पर गजानन पाटिल ने कहा कि एमएमआरडीए प्राधिकरण और मनपा प्रशासन ने कल्याण डोंबिवली मनपा की सीमा में प्रस्तावित रिंग रूट बनाने का निर्णय लिया है। जिसमें किसानों की जमीनें बाधित हो रही हैं। इन जमीन मालिकों के साथ अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भूमिपुत्र को विकास का केंद्र बनाया जाना चाहिए लेकिन मुआवजे में धन के बदले टीडीआर किसानों के माथे पर मारकर उनका आर्थिक शोषण करने की साजिश मनपा प्रशासन ने की है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। जब तक किसानों को उचित या संतोषजनक मुआवजा नहीं मिलता तब तक एक इंच भी जमीन नहीं देने का निर्णय किसानों ने लिया है।