शिंदे गुट के सांसद को राष्ट्रपति का समन, 4 दिसंबर को लोकसभा में पेश होने का आदेश
मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थन में हेमंत पाटिल ने पिछले महीने दिया था लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कुछ समय से चौंकाने वाले घटनाक्रमों और उठापटक का दौर खत्म ही नहीं हो रहा है। एक ओर शिवसेना और राकांपा में फूट और अंतर्कलह का मुद्दा गरमाया हुआ है, तो दूसरी ओर मराठा और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी चरम पर है। कई जगहों पर तो मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन भी किए। इस बीच बीते महीने मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थन में एकनाथ शिंदे गुट के लोकसभा सांसद हेमंत पाटिल ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से हेमंत पाटिल को समन जारी किया गया है।
हेमंत पाटिल ने शिवसेना के टिकट पर महाराष्ट्र की हिंगोली से लोकसभा का चुनाव जीता था। जब शिवसेना में बगावत हुई तो वह एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए। उन्होंने कहा था कि वह मराठा समुदाय के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इस्तीफा दे दे रहे हैं, पद आएंगे और जाएंगे, लेकिन समुदाय हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा था कि मराठा समुदाय की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति खराब है, इसलिए उन्हें आरक्षण मिलना अनिवार्य है।
पिछले महीने सांसद हेमंत पाटिल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को अपना इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफा देने के बाद से ही पाटिल संसद की सभी मीटिंग और कामकाज से दूर चल रहे थे। हालांकि अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पाटिल को समन जारी किया है और 4 दिसंबर को लोकसभा में हाजिर होने का आदेश दिया है।