मराठा आरक्षण के बहाने अपनी राजनितिक जमीन तलाशने निकले मनोज जरांगे, राज्य सरकार की बढ़ाई चिंता
15 नवंबर को धाराशिव से शुरू हुआ राज्यव्यापी दौरा 23 नवंबर को अहमदनगर में होगा समापन। ठाणे, रायगढ़ और पश्चिमी महाराष्ट्र में बनाएंगे मजबूत पकड़
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मराठा आरक्षण के लिए दो बार अनशन करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को 2 जनवरी 2024 तक का अल्टीमेटम देते हुए हाल ही में अपना आंदोलन खत्म कर दिया था। एकनाथ शिंदे सरकार को उन्होंने दो महीने का समय देते हुए समाधान की मांग रखी। इस बीच मनोज जरांगे के नए प्लान ने सरकार को बड़ी चिंता में डाल दिया है। दरअसल 15 नवंबर बुधवार से मनोज जरांगे ने राज्यव्यापी दौरे की शुरुआत की है, इस दौरान वह राज्य के युवाओं को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर साथ लाने का प्रयास करेंगे। ऐसे में सरकार को चिंता सता रही है कि केवल मराठवाड़ा तक हो सिमित मराठा आंदोलन पुरे राज्य भर में खड़ा हो जायेगा।
यह मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का तीसरा चरण है, उन्होंने अपने राज्यव्यापी दौरे की शुरुआत धाराशिव के वासिम से की है जिसे 23 नवंबर को अहमदनगर जिले में समाप्त करेंगे। सकल मराठा समाज के बैनर तले उनकी यात्रा ठाणे, रायगढ़ और पश्चिम महाराष्ट्र को कवर करेगी। बता दें कि ठाणे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है, ऐसे में मनोज जरांगे का ठाणे दौरा मुख्यमंत्री के लिए बड़ी चिंता का विषय होगा। पिछले महीने भूख हड़ताल पर बैठने से पहले उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र के कई इलाकों का दौरा किया था, जिसमें उन्होंने केवल ग्रामीण स्तर पर ही मीटिंग्स की थी।
आंदोलन से जुड़े एक नेता ने बताया कि अब हम कोशिश करेंगे की हमारी बैठकें बड़े स्तर पर हों। हमारा सन्देश साफ है कि हमने सरकार को जो डेड लाइन दी है, उसी तय समय में आरक्षण दे दिया जाये। यदि ऐसा नहीं हो सका तो हम मुंबई को जाम कर देंगे और शहर में पूरा कामकाज ठप्प हो जायेगा। हमें पहले भी जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला है, एक बार फिर बड़े पैमाने पर लोग हमारे साथ जुड़ सकते हैं। राज्य की राजनीती और समाज पर पैनी नजर रखने वाले एक विश्लेषक ने कहा कि मनोज जारांगे का यह दौरा अब आरक्षण तक ही सिमित नहीं रहा है।
मनोज जरांगे इस दौरे के दौरान पुरे राज्य को समझने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि वह पुरे राज्य में मराठा समुदाय के बीच जाकर अपनी राजनितिक जमीन भी तैयार कर सकते हैं। आने वाले दिनों में यदि वह अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत कर दें तो वह भी गलत नहीं होगा। दरअसल मनोज जारांगे पाटिल ने पुरे मराठा समाज को ही आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की मांग की है। इसी के मद्देनजर अपने तीसरे चरण में मनोज जरांगे पाटिल पुणे, अहमदनगर, सोलापुर, सातारा और सांगली भी जायेंगे।