चाचा को भतीजे का धोबीपछाड़! पहले तोड़ी पार्टी, अब खींच ली जमीन
बारामती ग्राम पंचायत चुनाव में शून्य रही शरद पवार की राकांपा, तो भाजपा ने खोला खाता। 32 में से 30 पर अजित पवार का कब्जा तो बाकि 2 भाजपा के खाते में
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मराठा छत्रप शरद पवार शायद अपने राजनितिक जीवन के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। पहले उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी में सेंध लगाते हुए जुलाई में 9 विधायकों के साथ पार्टी तोड़कर राज्य सरकार में शामिल हो गये और उपमुख्यमंत्री बन बैठे। अब उन्होंने चुनावी मैदान में भी शरद पवार को पहला लेकिन बड़ा तगड़ा झटका दिया है। उसमें भी सबसे बड़ी बात यह कि पवार परिवार का गढ़ कहे जाने वाले बारामती तालुका की 32 में से 30 ग्राम पंचायतों पर अजित पवार गुट की राकांपा ने कब्जा जमा लिया है, इतना ही नहीं बाकि की बची 2 सीटें भाजपा के खाते में चली गई हैं। इससे यह स्पष्ट है कि बारामती जैसे गढ़ में भी भतीजे ने सेंध लगाकर भाजपा की एंट्री करा दी है।
रविवार को महाराष्ट्र में 2359 ग्राम पंचायतों और 130 सरपंच पदों पर मतदान हुआ था। इनमें से 1300 से ज्यादा पदों पर भाजपा – शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की राकांपा ने बाजी मारी, जबकि कांग्रेस – शरद पवार की राकांपा और उद्धव सेना को 1000 से भी कम सीटों पर संतोष करना पड़ा है। ज्ञात हो कि ग्रामपंचायतों और सरपंच के चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते, लेकिन पार्टीयां उम्मीदवारों को अपना सार्थन जरूर देती हैं। ऐसे में अजित पवार गुट की बारामती में बड़ी जीत ने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका दिया है।
बारामती और राकांपा के संबंधों का इसी से पता चलता है कि साल 1996 से लेकर साल 2004 तक लगातार शरद पवार यहां से लोकसभा सांसद रहे, उसके बाद से आज तक लगातार उनकी बेटी सुप्रिया सुले यहां से सांसद हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत चुनाव में शरद पवार गुट की राकांपा का बारामती से पता साफ होना शरद पवार के लिए राजनितिक जमीन खिसकने के समान है। साथ ही अजित पवार का भाजपा के साथ आना फायदेमंद साबित हो रहा है। बारामती में पहली बार भाजपा का खाता खुला है, इसके अलवा पहली बार बारामती में भाजपा का सरपंच भी चुना गया है।
चुनाव नतिजों को लेकर भाजपा का दावा है कि उसने 2359 में से करीब 1000 ग्राम पंचायतों पर जीत हासिल की है। दूसरे नंबर पर अजित पवार गुट की राकांपा रही और तीसरे नंबर पर शिंदे गुट की शिवसेना। हालंकि जीत के दावे भी अलग अलग दिख रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी ने ज्यादा सीटें हासिल की हैं। चर्चा यह भी है कि बारामती लोकसभा सीट से सुप्रिया सुले मुकाबले अजित पवार गुट ही उम्मीदवार उतार सकता है। यदि ऐसा हुआ तो यह सुप्रिया सुले और शरद पवार के लिए खतरे की घंटी साबित होगा।