
शिवसेना के अपने ही बने दशहरा रैली में रोड़ा
उद्धव ठाकरे की कोर्ट में अर्जी के विरोध में, सदा सरवणकर की हस्तक्षेप याचिका दायर। याचिका में उद्धव गुट को शिवाजी पार्क न दिए जाने का अनुरोध
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : शिवसेना में हुई बगावत के बाद इस साल पार्टी की दशहरा रैली भी खटाई में आ गई है। एक ओर जहाँ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी दशहरा रैली को शिवाजी पार्क में ही आयोजित किये जाने को लेकर प्रयत्नशील हैं, तो वहीँ दूसरी ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह भी रणनीति बना रहा है ताकि उद्धव को शिवाजी पार्क की जमीन न मिल सके। इसके चलते शिवसेना के बागी विधायक सदा सरवणकर ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है।
उद्धव गुट की शिवसेना ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया क्योंकि मुंबई महानगर पालिका ने एक महीने पहले आवेदन करने के बावजूद शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी है। उसके बाद अब एकनाथ शिंदे समूह की ओर से विधायक सदा सरवणकर ने दशहरा रैली को लेकर उच्च न्यायालय में शिवसेना की ओर से दायर याचिका में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है।
याचिकाकर्ताओं ने जानबूझकर कुछ महत्वपूर्ण मामलों को बॉम्बे हाईकोर्ट से छुपाया है। असली शिवसेना कौन है इस पर विवाद सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है। फिर भी उद्धव ठाकरे का समूह पिछले दरवाजे से शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए उच्च न्यायालय की अनुमति लेने की कोशिश कर रहा है, यह दावा करते हुए कि अब भी वही असली शिवसेना पार्टी है। शिंदे समूह ने आवेदन में आरोप लगाया है कि यह उच्च न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास है।
विधायक सदा सरवणकर ने भी आवेदन में कहा है मैंने यह आवेदन राज्य के मुख्यमंत्री और शिवसेना के मुख्य नेता एकनाथ शिंदे के प्रतिनिधि के तौर पर किया है।
हालांकि शिवसेना उद्धव गुट की फिर से बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है की सन 1966 में बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना की। उस समय 20 अक्टूबर 1966 को शिवाजी पार्क में शिवसेना की पहली दशहरा रैली हुई थी। उसके बाद, दशहरा रैली की प्रथा शुरू हुई और राज्य भर से और यहां तक कि राज्य के बाहर भी शिवसैनिक हर साल स्वचालित रूप से शिवाजी पार्क में आते रहे। यह इतने सालों से चली आ रही परंपरा है। चूंकि शिवाजी पार्क एक खेल का मैदान है, इसलिए अदालत ने 2010 से शिवसेना को सशर्त अनुमति दे दी, यहां तक कि 2009 में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि खेल के अलावा अन्य आयोजनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। 2015 में मनसे के कोर्ट में विरोध करने के बावजूद भी कोर्ट ने शिवसेना को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की इजाजत दी थी। इसके बाद, राज्य सरकार ने 20 जनवरी, 2016 को एमआरटीपी अधिनियम की धारा 37 (ए) के तहत एक अधिसूचना जारी की, जिसमें वर्ष के दौरान शिवाजी पार्क में केवल कुछ कार्यक्रमों की अनुमति दी गई। इसमें दशहरा रैली का भी स्पष्ट उल्लेख है। मुंबई महानगर पालिका 2016 से नियमित अनुमति दे रही है। शिवसेना ने कोरोना संकट के कारण 2020 और 2021 में दशहरा रैली आयोजित करने से परहेज किया। इस वर्ष, अनुमति के लिए आवेदन करने के बाद, महानगर पालिका से वास्तव में 72 घंटे के भीतर अनुमति मिलने की उम्मीद थी। लेकिन करीब एक माह बीत जाने के बाद भी अनुमति नहीं दी गई है। इसलिए, हमें बिना किसी कारण के अदालत में अपील करनी पड़ी है।