
मनपा चुनावों के लिए भाजपा, शिंदे गुट और मनसे की तिकड़ी तय ?
तीन दशकों से मनपा पर काबिज उद्धव ठाकरे का किला ढ़हाने की तैयारी
राज ठाकरे और अमित ठाकरे करेंगे महाराष्ट्र भर भ्रमण
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – बृहन्मुंबई महानगर पालिका पर साढ़े तीन दशकों से काबिज उद्धव ठाकरे की शिवसेना को इस बार झटका देने का पूरा प्लान तैयार कर लिया गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और राज ठाकरे की मुलाकातों के बीच माना जा रहा है कि बीएमसी चुनाव में इनका गठबंधन तय है। अब शिवसेना के विरोधी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी पूरी तरह से कमर कस ली है। वह महाराष्ट्र के दौरे पर निकलने की तैयारियों में जुट गए हैं। जानकारी के मुताबिक राज ठाकरे और उनके बेटे अमित ठाकरे विदर्भ और मराठवाड़ा से अपने सफर की शुरुआत करेंगे।
राज ठाकरे 15 सितंबर को अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे और विदर्भ में पार्टी नेताओं और कैडर के साथ बैठक करेंगे। यहां चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा और रणनीति तैयार होगी। बता दें कि इसी साल के आखिरी में बीएमसी का चुनाव हो सकता है। इसके बाद राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे मराठवाड़ा के दौरे पर निकलेंगे।
राजनठाकरे 17 सितंबर को विदर्भ एक्सप्रेसवे से नागपुर के लिए निकलेंगे। वह 18 और 19 सितंबर को पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। 20 सितंबर को राज ठाकरे चंद्रपुर जाएंगे और फिर दो दिनों के लिए अमरावती का दौरा करेंगे। 23 सितंबर को वह ट्रेन से मुंबई के लिए रवाना होंगे। वहीं उनके बेटे अमित ठाकरे 24 सितंबर को मराठवाड़ा के दौरे पर निकलेंगे।
मनसे के एक पदाधिकारी ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे व भाजपा के साथ गठबंधन और शिवसेना से खटास के बीच मनसे को बड़ा फायदा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे को सुनने के लिए लोग इकट्ठा होते हैं। वह भीड़ को आकर्षित कर लेते हैं।
बता दें कि 1985 के बाद से बीएमसी पर शिवसेना का ही एकछत्र राज रहा है। अब भाजपा और शिंदे गुट ने मिलकर उद्धव ठाकरे को राज्य की सत्ता से बेदखल तो कर ही दिया है लेकिन उनका सबसे मजबूत किला यानी महानगर पालिका तोड़ने की कोशिश जारी है। इस बीच भाजपा नेताओं ने राज ठाकरे के दर पर भी दस्तक दी। भाजपा के राष्ट्रय महासचि विनोद तावड़े और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज ठाकरे से मुलाकात कर चुके हैं।
मुलाकातों के इस दौर को बीएमसी चुनावों से जोड़कर ही देखा जा रहा है। हाल वही है, दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। ऐसे में कयास लगते जा रहे हैं कि बीएमसी चुनाव से पहले मनसे और भाजपा- शिंदे गुट गठबंधन का ऐलान कर सकता है।