
77 दिनों बाद भी शिवसेना किसकी पर विवाद कायम 77 दिनों बाद भी शिवसेना किसकी पर विवाद कायम
सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी याचिकाएं एकसाथ सुनेंगे, अगली सुनवाई 27 सितम्बर को
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में चल रहे शिवसेना विरुद्ध शिवसेना के राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि पार्टी सिंबल का मामला है, चुनाव आयोग को निर्णय लेने दें, जिसका उद्धव ठाकरे गुट ने पुरजोर विरोध किया।
उद्धव गुट के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि विधायकों के अयोग्यता पर सुनवाई होनी है। ऐसे में विधायकों की मांग पर चुनाव आयोग कैसे सुनवाई कर सकती है? सिब्बल ने आगे कहा कि अगर एकनाथ शिंदे को शिवसेना का निशान मिल गया, तो सुनवाई व्यर्थ हो जाएगी। कोर्ट में अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने की सुनवाई के बाद केस को संवैधानिक बेंच में ट्रांसफर कर दिया था। शिवसेना का विवाद 20 जून से शुरू हुआ था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 20 विधायक सूरत होते हुए गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद शिंदे गुट ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायक के साथ होने का दावा किया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था।
पिछली सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का आरोप गलत लगाया गया है। हम अभी भी शिवसैनिक हैं। उधर, सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वो अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं। उन्होंने कहा था कि उनके बचाव का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।