
शिंदे मुख्यमंत्री और फडणवीस उपमुख्यमंत्री, बात कुछ हजम नहीं हो रही – शरद पवार
फडणवीस नागपुर से हैं इसलिए आदेश मानना जरूरी है, लेकिन राज्य में दूसरे नंबर से संतुष्ट नहीं लगते। शपथ समारोह के बाद शरद पवार ने जमकर साधा निशाना
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य में जारी सत्ता संघर्ष अंततः समाप्त हो गया और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बतौर राज्य के मुख्यमंत्री शपथ लेकर तमाम अटकलों को पूर्ण विराम दे दिया। हालांकि इस रहस्य से अभी भी पर्दा उठना बाकी है कि शाम को हुई बैठक में यह तो तय कर लिया गया था की एकनाथ शिंदे ही अगले मुख्यमंत्री होंगे परन्तु मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी यानी वह अभी भी पर्दे के पीछे से बिसात चलेंगे, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि शपथ विधि प्रक्रिया शुरू होने से चंद क्षणों पहले ही फडणवीस का हृदय परिवर्तन हो गया और उन्होंने भी बतौर राज्य के उपमुख्यमंत्री कुर्सी संभाल ली। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि देवेंद्र फडणवीस ने कुंठित मन से उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार कर लिया है। एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद, पवार ने मीडिया से बातचीत करते हुए सत्ता में आई ‘शिंदे सरकार’ पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दर्ज की।
उन्होंने कहा, यह स्थानीय मामला है। वर्तमान मुख्यमंत्री सतारा से हैं, संयोग वश राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण भी सतारा से ही थे। मैं भी कोरेगांव तालुका से था, बाबासाहेब भोसले, पृथ्वीराज चव्हाण और जिन्होंने अब शपथ ली है, वे सतारा से हैं, शरद पवार ने शिंदे के सतारा कनेक्शन का जिक्र करते हुए कहा।
आगे बोलते हुए, पवार ने कहा, मैंने एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की और उनके शकुशल होने की कामना की। जब कोई व्यक्ति राज्य का मुखिया बनता है, तो वह राज्य का प्रतिनिधि बन जाता है। उसे राज्य के सभी वर्गों के लोगों की समस्याओं को हल करने वाला होना चाहिए, उन्होंने कहा। एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बारे में बात करते हुए पवार ने कहा कि किसी भी एंगल से यह महाविकास अघाड़ी सरकार की विफलता नहीं नजर आती।
महाविकास आघाड़ी एक नेता के रूप में कम नहीं हुए हैं, हालांकि एकनाथ शिंदे अपने लोगों को बाहर निकालने में कारगर रहे। उनकी सफलता इतने सारे लोगों को बाहर निकालने का साहस दिखाने में है, पवार ने शिंदे के विद्रोह के बारे में बात करते हुए कहा। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायिका की पूरी जिम्मेदारी दी थी। जब एकसाथ 39 लोग राज्य छोड़ते हैं, तब मरम्मत की कोई गुंजाइश नहीं होती है, पवार ने कहा।
देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री के रूप में समय पर शपथ लेने पर टिप्पणी करते हुए, पवार ने कहा, मुझे नहीं लगता कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का पद स्वीकार किया है। उनका चेहरा कुछ अलग ही किस्सा बयान कर रहा था। फडणवीस पर तंज कास्ट हुए कहा लेकिन वे नागपुर के हैं, एक बार आदेश देने के बाद उसका पालन होना ही चाहिए, कोई कारण हो या न हो उन्होंने कहा।