
राजनितिक विरासत की डोर संभालेंगी रश्मि ठाकरे!
एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में आज रश्मि ठाकरे द्वारा देवी पूजा का कार्यक्रम। राजनितिक गालियारों में सरगर्मियां बढ़ी
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : ठाकरे परिवार का लगभग हर सदस्य अब शिवसेना की शाख को बचाने और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक मैदान में उतरता दिख रहा है। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पिछले कुछ दिनों से लगातार अलग-अलग चैनलों के जरिए राज्य भर के शिवसैनिकों से शिव संवाद स्थापित कर रहे हैं। इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे भी शिवसैनिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैदान में उतरने जा रही हैं। शिवसेना ने नवरात्रि पर्व के मौके पर ‘बाये दार उघड़ ‘अभियान चलाया है। इस कैंपेन के तहत रश्मि ठाकरे मुंबई और ठाणे का दौरा करेंगी।
रश्मि ठाकरे ने बुधवार को मुंबा देवी और महालक्ष्मी मंदिरों के दर्शन किये,इसके बाद रश्मि ठाकरे शिवसैनिकों से मुलाक़ात की। गुरुवार यानि आज रश्मि ठाकरे ठाणे आएंगी जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ है। रश्मि ठाकरे टेम्भीनाका परिसर की देवी के दर्शन करेंगी। इस मौके पर रश्मि ठाकरे द्वारा देवी की आरती की जाएगी। इसलिए गुरुवार को रश्मि ठाकरे के दौरे के मौके पर ठाणे में सियासी माहौल गर्म होने की पुरजोर संभावना व्यक्त की जा रही है।
कुछ दिनों पहले शिंदे समूह के नेता रामदास कदम ने दापोली की एक बैठक में रश्मि ठाकरे की आलोचना करते हुए कहा था जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब हर सभा में रश्मि वाहिनी उनके साथ होती थीं, जबकि माँ साहेब मिनाताई और बाळासाहेब ठाकरे कभी भी किसी भी मंच पर एकसाथ नहीं चढ़े। रामदास कदम ने गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा था की रश्मि ठाकरे सरकारी बँगले पर ठेकेदारों से मिला करती थी।
रामदास कदम के बयान का गहरा राजनीतिक प्रभाव पड़ा। इस आलोचना के बाद रामदास कदम ने माफी भी मांगी थी। रामदास कदम ने कहा कि मुझे रश्मि ठाकरे के बारे में यह नहीं कहना चाहिए था, मैं अपनी बात वापस लेता हूं, अनजाने में बोल दिया, मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया। मेरा अभिप्राय ठाकरे परिवार का अपमान करने का बिलकुल नहीं था।