
क्या एकनाथ शिंदे फिर जा सकते हैं उद्धव ठाकरे के साथ ?
मुंबई में विश्व मैत्री दिवस पर बढ़ाया दोस्ती का हाँथ, कहा जब क्षमा को मित्रता से जोड़ा जाता है तब सभी शिकवे दूर हो जाते हैं
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ स्टैंड लेते हुए शिवसेना पार्टी और उद्धव ठाकरे को झकझोर कर मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और भाजपा में शामिल होकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली। राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन को लगभग ढाई महीने बीत चुके हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे रोज एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहते हैं। दोनों पक्षों की ओर से सुलह का कोई भी प्रयास नहीं किया गया है। लेकिन विश्व मित्रता दिवस के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की सराहना करते हुए मित्रता के लिए हाथ बढ़ाने की पहल की है। एकनाथ शिंदे ने यह कहकर सुलह के लिए अपनी तत्परता दिखाई कि जब क्षमा को मित्रता के साथ जोड़ा जाता है, तो सभी विवाद अपने आप ही सुलझ जाते हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भारत जैन निगम द्वारा आयोजित विश्व मैत्री दिवस माफी समारोह में भाग लिया और जैन साधुओं और अन्य साधुओं को बधाई दी और उनका आशीर्वाद भी लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा भी शामिल हुए। इसी कार्यक्रम में बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने परोक्ष रूप से कहा कि मैत्री दिवस के मौके पर भूल जाइए कि उद्धव ठाकरे के साथ क्या हुआ था। एकनाथ शिंदे ने दोस्ती की गेंद को ठाकरे के पाले में यह कहकर ढकेल दिया कि जब दोस्ती को माफी से जोड़ दिया जाता है, तो सभी विवाद सुलझ जाते हैं लेकिन माफ करने में बहुत दर्द होता है। एकनाथ शिंदे ने परोक्ष रूप से उम्मीद जताई कि उद्धव ठाकरे पिछले ढाई महीने की घटनाओं को ‘पुनाश्चय हरिओम’ कहकर भूल जाएं।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ की। सरकार बनने के ढाई महीने बीत चुके हैं। लेकिन इन दो महीनों में मुख्यमंत्री ने अपने काम से लोगों को खुश किया है। मुख्यमंत्री की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।