
केंद्रीय गृहमंत्री पर उद्धव ठाकरे का जोरदार प्रहार
शिवसेना को जमीन दिखाने वालों को मैं आसमान दिखा दूंगा, शिवाजी पार्क में ही होगी दशहरा रैली। बचे हुए वफादारों पर मुझे पूरा भरोसा है
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को करारा जवाब दिया है, जिन्होंने कल आगामी महानगर पालिका चुनाव में शिवसेना पार्टी और उद्धव ठाकरे को जमीन दिखाने की बात कही थी। मुंबई में कल गणपति के मंडप में राजनीति देखने को मिली। इस बार हमें मंगलमूर्ति और अमंगलमूर्ति दोनों को एकसाथ देखने का अवसर मिला। उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा कि आगामी महानगर पालिका चुनाव में हमें जमीन दिखाने की बात करने वालों को हम आसमान दिखाएंगे। उद्धव ठाकरे ने मातोश्री पर शिवसेना नेताओं और पदाधिकारियों से बातचीत करते हुए कहा। उन्होंने भाजपा और बागी विधायकों की जमकर आलोचना की।
वर्तमान समय संघर्ष का है। वे शिवसेना को खत्म करने जा रहे हैं ,वफादारी कभी भी बेची नहीं जा सकती चाहे कितनी भी बोली लग जाए। मुट्ठी भर वफादार हमेशा चंद चाटुकारों और बागी हुए लोगों से बेहतर होते हैं। शिवसेना आपकी निजी संपत्ति नहीं है। अगर मुझे मुख्यमंत्री का पद चाहिए होता तो मैं उस पद को पल भर में नहीं छोड़ता। यहां तक कि जब मेरे पास 30-40 विधायक थे मैं उन्हे रोक लेता और मैं उन विधायकों को भी वहां ले जाता। ममता बनर्जी को मैं भी अच्छी तरह जनता हूं। कम से कम उन्हें कालिमाता के मंदिर में ले जाया जा सकता था, उन्हें राजस्थान ले जाया जा सकता था लेकिन यह मेरा स्वभाव नहीं है। तो मैंने सभी से कहा कि दरवाजा खुला है। रहना है तो वफादार रहो, नहीं तो जहां जाना चाहो चले जाओ। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब मेरे साथ केवल वफादार और कट्टर शिवसैनिक ही हैं।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली जरूर होगी। अब मैं ज्यादा बात नहीं करूंगा। मैं दशहरा रैली में सभी का ध्यान रखूंगा। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि पहले मुख्यमंत्री पद का मुखौटा हुआ करता था और संभलकर बोलना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
भास्कर राव आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं, मुझे विश्वास है कि आप भी मेरी तरह ही शिवसेना की सभी उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। भास्कर जाधव पर विचार किया गया और उन्हें नेता की जिम्मेदारी दी गई। अब लड़ने का समय है और लड़ते हुए हमें मैदान में सब कुछ भूल जाना चाहिए, भास्कर राव क्या कर सकते हैं, उन्होंने उन 12 लोगों को अपना झटका दिया है, वफादारी किसी से नहीं खरीदी जा सकती, मुट्ठी भर वफादार भी मैदान जीत सकते हैं।