
आदिवासी महिला ने कपड़े की झोली में दिया बच्चे को जन्म, बच्चे की मौत
वीडियो वायरल उन्होंने पर सच्चाई आई सामने
भिवंडी – भिवंडी तालुका के अंतर्गत दिघाशी गांव के धर्मीपुर पाडा में रास्ता नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को चादर की झोली बनाकर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में एक बच्चे को जन्म देती है और बच्चे की मौत हो जाती है। जिसका विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह घटना प्रकाश में आई है। सूत्रों के अनुसार पिछले साल भी धर्मीपाडा में इसी प्रकार की घटना घटित हुई थी।
गौरतलब हो कि भिवंडी वाडा रोड़ पर स्थित दिघाशी गांव के धर्मीपाडा से मुख्य मार्ग पर जाने के लिए सड़क नहीं है। जिसके कारण उक्त पाडा तक कोई वाहन भी नहीं पहुँच पाता। इसी गांव की रहने वाली दर्शाना फरले नामक एक आदिवासी महिला जो गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा के समय उसके परिवार के लोगों ने चादर की झोली बनाकर अस्पताल ले जा रहे थे। किन्तु रास्ते में उसने एक बच्चे को जन्म दिया। किन्तु समय पर उपचार नहीं मिलने से नवजात शिशु की रास्ते में मौत हो गई। एक सितंबर हुई इस घटना का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। देश को आजाद हुए 75 साल हो गये है। सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। किन्तु ऐसा लग रहा है कि आदिवासी समाज आज भी आजाद नहीं हुआ है यही नहीं उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में सरकार पूरी तरह से उदासीन है। जिसके कारण आज भी ऐसे आदिवासी क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाएं घटित होती रही है। इस क्षेत्र के वज्रेश्वरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.माधव कावले से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला 24 अगस्त को जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आई हुई थी। उस समय उसकी तबियत अच्छी थी। किन्तु बारिश होने के कारण आदिवासी पाडा में जाने के लिए रास्ता नहीं था। जिसके कारण उक्त महिला को अस्पताल में भर्ती होने के लिए सलाह दी गई थी। लेकिन घर में छोटे बच्चे होने के कारण वह अस्पताल में भर्ती नहीं हुई। स्थानीय आशा वर्कर उस महिला के संपर्क में थी उसके बावजूद भी यह घटना हो गई। सूत्रों के अनुसार उक्त महिला को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज शुरू है। अभी उसकी हालत अच्छी है।