
नितिन गडकरी के मन कि बात, भाजपा पर तंज यूज एंड थ्रो की राजनीति सही नहीं
कांग्रेस की विचारधारा मुझसे मेल नहीं खाती। कुंए में कूदना अच्छा लेकिन कांग्रेस में नहीं जाऊंगा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह किसी भी कीमत पर कांग्रेस में नहीं जाएंगे। कांग्रेस में जाने से अच्छा कुएं में कूदना पसंद करेंगे, क्योंकि उनकी विचारधारा कांग्रेस से मेल नहीं खाती है। गडकरी ने यह बात उद्यमियों के एक सम्मेलन में कही। गडकरी ने बताया कि उनके बचपन के दोस्त और कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर ने मुझे सलाह दी थी कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ जाऊं। यह उस दौर की बात है, जब मैं छात्र नेता था और भाजपा लगातार हार जा रही थी।
गडकरी बोले जब आपको सफलता मिलती है और उसकी खुशी आपको अकेले होती है तो फिर उसका कोई मतलब नहीं है। यदि आपको मिली सफलता की खुशी आपके साथ काम करने वाले लोगों को भी होती है तो फिर यह अच्छी बात होती है। कारोबार हो या राजनीति दोनों में मानवीय संबंध अहम हैं। कैसे भी हालात हों, किसी को इस्तेमाल करके फेंकना नहीं चाहिए।
उन्होंने रिचर्ड निक्सन की एक बात का जिक्र करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति हारने से खत्म नहीं होता, लेकिन मैदान छोड़ने से खत्म हो जाता है। हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि अहंकार और आत्मविश्वास में क्या फर्क होता है। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें तो उसे आजीवन थामें रहें।
एक महीने पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूदा राजनीति व्यवस्था पर कहा था कि कभी-कभी मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं। समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किए जा सकते हैं। महात्मा गांधी के समय की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत बदलाव हुआ है। बापू के समय में राजनीति देश, समाज और विकास के लिए होती थी, लेकिन आज की राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है।
भाजपा ने नए संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को हटा दिया था। भाजपा में पार्लियामेंट्री बोर्ड के बाद केंद्रीय चुनाव समिति को पार्टी की दूसरी सबसे ताकतवर संस्था माना जाता है।