मुखपत्र सामना के जरिए उद्धव ठाकरे का केंद्र पर जमकर निशाना

मुखपत्र सामना के जरिए उद्धव ठाकरे का केंद्र पर जमकर निशाना

2024 के पहले ही शरद पवार और उद्धव ठाकरे से सत्ताधारियों में डर का माहौल

विपक्ष की सरकारों को उखाड़ फेंकने का काम कर रही है केंद्र सरकार, भगवान विष्णु के कमल का अपमान कर रही है भाजपा

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई : केंद्रीय जांच एजेंसियों की देशव्यापी कार्रवाई के मद्देनजर शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सरकारें चुनने की जगह विपक्ष की सरकारों को उखाड़ फेंका जा रहा है, पार्टियों में बंटवारा किया जा रहा है, जिससे विष्णु का पसंदीदा फूल ‘कमल’ बदनाम हो रहा है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने आलोचना की है कि ‘ऑपरेशन लोटस’ यानी ‘कमल’ अलकायदा की तरह आतंक का पर्याय बन गया है। शिवसेना ने यह भी दावा किया है कि मोदी सरकार शरद पवार और उद्धव ठाकरे से डरी हुई है।

केंद्र सरकार और उसके नेता 2024 के चुनाव से पहले ही डरे हुए हैं। ये डर केजरीवाल, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे और शरद पवार का है।  इतना बड़ा और स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद भाजपा को डर क्यों महसूस हो रहा है ? इसका सही जवाब यह है कि बहुमत स्पष्ट नहीं है, यह चोरी है। साहसी और बदला लेने वाले छापे उनके हथियार हैं। उन्हीं हथियारों के साथ उनका ‘ऑपरेशन कमल’ भी था, लेकिन कमल लाभार्थियों पर सरकार की कोई छापेमारी नहीं हो रही है। हमें देश की न्यायपालिका पर भरोसा है। लेकिन जनता की एक ही उम्मीद है कि इस फैसले में कोई देरी न हो, जैसा कि ‘सामना’ की प्रस्तावना में कहा गया है। केंद्र सरकार और उसके सूत्रधारों को 2024 का डर है। ये नेता अपनी ही परछाई से डरते हैं। इसलिए उन्होंने नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान का समर्थन नहीं किया है। शिवसेना ने भी ऐसा दावा किया है।

आज शासकों का शासन ऐसा है कि देश में एक भ्रमित युग प्रवेश कर गया है। शरद पवार ने कहा है कि देश के हालात असमंजस भरे हैं। ऐसी कई चीजें अब टूट चुकी हैं। इस भ्रम के युग को समाप्त करने के लिए कौन अवतार लेगा? या नहीं तो जनता को ही नरसिंह अवतार लेना पड़ेगा, ऐसा ‘सामना’ में कहा गया है।

सामना के प्रस्तावना में यह भी लिखा गया है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस समय उत्पाद शुल्क चोरी के फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है, क्यों कि शिवसेना ने आम आदमी पार्टी का समर्थ किया है। अग्रलेख में शिवसेना ने उनका समर्थन किया है। मनीष सिसोदिया पर गिरफ्तारी की तलवार लटका रहे हैं। लेकिन सिसोदिया कोई भगोड़ा सज्जन नहीं हैं। एक अपराधी की तरह केंद्र सरकार ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर जनता की सरकार को बदनाम करने का किया है। ईडी का इस्तेमाल महाराष्ट्र में भी सरकार गिराने के लिए किया गया था। संजय राउत को सरकार गिराने में मदद करने की धमकी भी दी गई, नहीं तो ईडी द्वारा फांसी पर लटका दिया जाएगा। संजय राउत ने इसकी जानकारी राज्यसभा के तत्कालीन डिप्टी स्पीकर वेंकैया नायडू को दी थी, लेकिन अब कौन किसकी सुनेगा? कोई पेशी नहीं, कोई सुनवाई नहीं। केवल तारीखों का खेल जारी है।

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