
शिंदे – फडणवीस सरकार के कैबिनेट मंत्री की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अब्दुल सत्तार की बेटियों के फर्जी टीईटी प्रमाणपत्र के बाद चुनावी हलफनामे में भी फर्जीवाड़े का आरोप। प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट का पुलिस को 60 दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सनसनी मचा चुके टीईटी परीक्षा घोटाला मामले में शिंदे-फडणवीस सरकार में मंत्री अब्दुल सत्तार की मुश्किलें पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। अब्दुल सत्तार ने सीना ठोक कर दावा किया था कि उनकी बेटियों की ओर से ऐसा कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया था। हालांकि अब्दुल सत्तार की बेटियों का नाम राज्य शिक्षा परिषद द्वारा जारी अपात्र छात्रों की सूची में शामिल है। इसलिए अब अब्दुल सत्तार फिर संकट में नजर आ रहे है।
राज्य परीक्षा परिषद द्वारा टीईटी घोटाले के मामले में अपात्र अभ्यर्थियों की कुल तीन सूचियां प्रकाशित की गईं है। इनमें से ‘परिशिष्ट बी’ की सूची में सत्तार की बेटियों के नाम शामिल हैं। अनुलग्नक बी सूची नकली टीईटी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के आरोपों को संदर्भित करती है। सत्तार की बेटियां टीईटी 2019 की परीक्षा में फेल हो गई थीं। हालांकि आरोप है कि उन्होंने एजेंट से फर्जी सर्टिफिकेट हासिल किया। एजेंट सुपे से कुल 293 परीक्षार्थियों ने ऐसा फर्जी सर्टिफिकेट हासिल किया था। फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले 293 उम्मीदवारों को परीक्षा बोर्ड के अंतिम परिणाम में शामिल नहीं किया गया था। तीनों सूचियां परीक्षा बोर्ड की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं। सत्तार की बेटियों का वेतन पुलिस की जांच में सामने आने के बाद ही रोका गया है क्योंकि उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किया था।
अब्दुल सत्तार के चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी भी गलत है। सिलोड तालुका के सामाजिक कार्यकर्ताओं महेश शंकरपेली और अभिषेक हरदास ने इस संबंध में अदालत में एक याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान पेश किए गए हलफनामे में गैर कृषि भूमि, आवासीय भवन और व्यावसायिक भवन के बारे में जो जानकारी दी गई है वह असंगत है। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, सिल्लोड में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है। इसलिए टीईटी घोटाले के बाद संभावना जताई जा रही है कि अब्दुल सत्तार को एक और समस्या का सामना करना पड़ेगा।
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले में माध्यमिक शिक्षा अधिकारी मधुकर देशमुख की बेटियों के नाम के साथ शिक्षा अधिकारी की बेटी का भी नाम जुड़ रहा है। अयोग्य होने के बावजूद नूपुर मधुकर देशमुख का नाम मेरिट लिस्ट में 5573वें नंबर पर है। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2019 को रद्द कर दिया गया है और इसके बाद आयोजित होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए स्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। नूपुर मधुकर देशमुख का नाम टीईटी परीक्षा के लिए अपात्र रहते हुए प्रमाण पत्र के साथ छेड़छाड़ कर मेरिट लिस्ट में बताया जा रहा है।