
शिवसेना किसकी उसपर सस्पेंस बरकरार
सीजेआई समेत 3 जजों की खंडपीठ ने मामले को संविधान पीठ को भेजा। 8 सवालों से तय होगा आधिपत्य, अगली सुनवाई 25 अगस्त को
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – शिवसेना में हुई बगावत के बाद दोनों दलों ने पार्टी के आधिपत्य को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। अब शिवसेना किसकी मामले में सुप्रीम कोर्ट भी पशोपेश में नजर आ रही है, जिसके चलते इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच इसका फैसला करेगी। शिवसेना पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। CJI एन.वी. रमन्ना,जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली ने शिंदे की शिवसेना बनाम उद्धव की शिवसेना केस को संविधान पीठ को भेज दिया है। तीन जजों की बेंच ने 8 सवाल तैयार किए हैं, जिसके आधार पर संविधान फैसला करेगी कि वास्तव में शिवसेना पर किसका आधिपत्य होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह पार्टी सिंबल विवाद पर गुरुवार तक फैसला ना ले। पांच जजों की बेंच इस मामले पर 25 अगस्त को सुनवाई करेगी।
पिछली सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का आरोप गलत लगाया गया है। हम अभी भी शिवसैनिक हैं। उधर, सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, जब वो अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं। उन्होंने कहा था कि उनके बचाव का और कोई दूसरा विकल्प नहीं है।