
अजित पवार की गुगली में फंसे शिंदे सरकार के स्वास्थ्य मंत्री
विधानसभा सत्र में दूसरे दिन ही शिंदे सरकार की किरकिरी, अजित पवार के सवालों का जवाब नहीं दे सके तानाजी सावंत, सोमवार तक का मांगा समय
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष के हंगामें ने शिंदे सरकार को घेर लिया। मानसून सत्र के दूसरे दिन शिंदे सरकार विपक्ष के पहले सवाल का जवाब दे पाने कि असमर्थता के चलते सरकार को शर्मसार किया। विधान सभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मुंबई से सटे पालघर जिले में हाथी रोग की रोकथाम के लिए किए गए उपायों के संबंध में एक प्रश्न पूछा, परन्तु राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत के जवाब न दे पाने कि असमर्थता के कारण सरकार को अपने पहले ही विधानसभा सत्र का पहला सवाल जवाब के लिए आरक्षित करने की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। इस सवाल का जवाब सोमवार को दिया जाएगा।
विधान सभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने स्वीकृत अधिकारियों, कर्मचारियों के पदों, भरे हुए पदों, रिक्त पदों की संख्या, हाथी रोग निवारण उपायों के लिए स्वीकृत धनराशि, कार्य प्रणाली के लिए पिछले वर्ष खर्च की गई धनराशि के बारे में सवालों के जवाब दिए। पालघर जिले में बढ़ते हाथी रोग के प्रकोप का सवाल स्वस्थ्य मंत्री तानाजी सावंत से पूछा गया। चूंकि स्वास्थ्य मंत्री के पास इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए वह जवाब नहीं दे सके और सवाल जवाब के लिए सोमवार तक का समय सुरक्षित रखा गया है।
पालघर जिले में एलिफेंटियासिस की समस्या गंभीर है और अक्टूबर 2021 में किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि जिले में 80 बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हैं। डहानू, विक्रमगढ़, तलासरी तालुका के 29 बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं। इस संबंध में एक सवाल पूछते हुए विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि मच्छरों से फैलने वाली हाथी रोग की बीमारी गंभीर होती जा रही है और इससे शरीर विकृत और अक्षम हो जाता है। एक बार संक्रमित होने के बाद इस बीमारी का कोई कारगर इलाज नहीं है। इसलिए निवारक उपाय महत्वपूर्ण हैं। इस ओर ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने जिले में निवारक उपायों की प्रभावशीलता के संबंध में एक प्रश्न पूछा था, जिसका जवाब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. तानाजी सावंत नहीं दे पाए। इसलिए, प्रश्न को उत्तर के लिए सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।