शिंदे गुट के शिवसेना भवन बनाने को उद्धव ठाकरे की चुनौती 

शिंदे गुट के शिवसेना भवन बनाने को उद्धव ठाकरे की चुनौती 

मुखपत्र सामना में शिंदे गुट की कैबिनेट विस्तार से नाराजगी पर साधा निशाना। कहा मंत्रीपद की लालच में छोड़ी शिवसेना, हिंदुत्व से कोई सरोकार नहीं

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई : महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के विधायकों और सांसदों के साथ बगावत के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लगातार चुनौती दे रहे हैं, और सीधे तौर पर पार्टी पर ही अपना दावा पेश कर दिया है। शिंदे समूह आगामी महानगर पालिका चुनावों में शिवसेना का धनुष-बाण वाला चुनाव चिन्ह हासिल करने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ जहां यह कानूनी लड़ाई अभी कोर्ट में चल रही है, वहीं अब शिंदे उद्धव ठाकरे को भी मैदान में चुनौती देने की चाल चल रहे हैं। इसके लिए दादर में शिंदे समूह द्वारा एक केंद्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इस मुद्दे पर शिवसेना ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ रहे अन्य बागियों के खिलाफ आक्रामक चेतावनी जारी की है।

शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने शिवसेना के रूप में सच्चे स्वाभिमानी मराठी लोगों, और हिंदुत्व का एक संगठन बनाया था। 56 साल बाद भी इस संगठन की नींव और परिणति मजबूत और समान रूप से अजेय है। कई लहरों, दरारों, विश्वासघाती बवंडरों के सामने भी शिवसेना भवन खड़ा है। यह कोई इमारत नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का अभेद्य गढ़ है! शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने शिंदे समूह को इन शब्दों में कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यह बारह ईंटों से बना अड्डा नहीं है, बल्कि यह इमारत महाराष्ट्र का अभेद्य किला है।

जानकारी सामने आ रही है कि शिंदे समूह के कुछ मंत्री कैबिनेट विस्तार के बाद खातों के आवंटन से नाखुश हैं। जिनमें दादा भूसे, संदीपन भुमरे और दीपक केसरकर भी शामिल हैं। साथ ही कैबिनेट से हटाए गए औरंगाबाद विधायक संजय शिरसाट भी खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इस पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी मुंबई से शिवसेना के भगवा को हटाना चाहती है। मराठी लोगों और मुंबई को गुलाम बनाकर निगलना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने शिंदे समूह को सहारा बनाया है। यह मामला अत्यंत गंभीर है।

शिंदे गुट के खिलाफ बोले संजय शिरसाट उन्होंने कहा हमें अभी मंत्री पद चाहिए, पचास लोग मंत्रीपद चाहते हैं। इस मौके पर एक ज्वलंत सच सामने आया है। शिवसेना छोड़कर शिंदे समूह द्वारा सामने लाए गए स्वाभिमान, हिंदुत्व आदि का मुद्दा पूरी तरह से झूठा है। शिंदे समूह में शामिल होने वाले 50 लोग मंत्रीपद और अन्य चीजें चाहते थे। शिवसेना ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि उनका हिंदुत्व से कोई संबंध नहीं है।

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