
मुंबई महानगर पालिका चुनाव के मद्देनजर मनपा अधिकारियों के आनन फानन में तबादले
मुंबई के शिवसेना पार्षदों को शिंदे गुट में शामिल करने की कार्यवाही शुरू, सरकार के अनुरूप कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों पर गिरी गाज
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – मुंबई महानगर पालिका के आगामी चुनावों के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा गुट सक्रिय हो गई है और मुंबई महानगर पालिका के उन अधिकारियों का स्थानांतरण सत्र शुरू हो गया है जो सरकार के पक्ष में नहीं हैं। बागी विधायकों की चेतावनी के चलते अल्पावधि के बावजूद कई अधिकारियों का बार-बार तबादला किया जा रहा है। जिसके चलते मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों में खलबली मच गई है और नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं।
तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार के सत्ता से हटने के बाद शिंदे समूह और भाजपा की सरकार महाराष्ट्र में सत्ता में आई। उसके बाद, राज्य में राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं और शिंदे समूह और भाजपा ने मुंबई महानगर पालिका में सत्ता पर कब्जा करने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है। शिंदे समूह द्वारा शिवसेना के पूर्व पार्षदों की जासूसी करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, जिनके चुने जाने की गारंटी है और उन्हें अपने समूह में शामिल करने की पुरजोर कोशिश जारी है, उधर मुंबई महानगर पालिका के विभागीय कार्यालयों से उन अधिकारियों को हटाने का सत्र शुरू हो गया है जो राज्य सरकार के अनुकूल नहीं हैं।
मुंबई से शिवसेना के विधायक प्रकाश सुर्वे, मंगेश कुडालकर, दिलीप लांडे और सदा सरवणकर ने बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे का दामन थाम लिया। तत्पश्चात मुंबई के सांसद राहुल शेवाले ने भी बगावत का परचम मजबूत करते हुए बागी गुट में शामिल हो गए। अब बागियों ने मुंबई महानगर पालिका चुनाव में शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है। विद्रोही समूह ने न केवल शिवसेना के पूर्व पार्षदों बल्कि मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों को भी टारगेट किया है। पिछले कुछ दिनों में बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों से नाराजगी रखने वाले मुंबई मनपा के अधिकारियों के तबादलों का दौर शुरू हो गया है।
मुंबई महानगर पालिका के दहिसर स्थित आर-नॉर्थ डिवीजन कार्यालय में सहायक आयुक्त मृदुला उंदे का कुछ दिन पहले जल्दबाजी में तबादला करते हुए उन्हें एन डिवीजन कार्यालय के सहायक आयुक्त के रूप में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन भाजपा विधायक के विरोध के चलते उंदे को एम-वेस्ट डिवीजन कार्यालय का सहायक आयुक्त नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में बागी नेताओं के कारण उंदे को स्वीकार नहीं किया जा सका। अब एक बार फिर उन्हें अतिक्रमण विभाग के सहायक आयुक्त के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश जारी किए गए हैं।
दक्षिण मध्य मुंबई में दादर, माहिम, धारावी को कवर करने वाले जी-नॉर्थ डिवीजन कार्यालय की सहायक आयुक्त किरण दिघावकर को आनन-फानन में ई डिवीजन कार्यालय के सहायक आयुक्त के रूप में स्थानांतरित किया गया। उसके बाद उनका एक बार फिर मलाड क्षेत्र स्थित पी-उत्तर संभाग कार्यालय के सहायक आयुक्त के पद पर तबादला कर दिया गया है। कुछ ही दिनों में दिघावकर को ई विभाग से हटा दिया गया है। सदा सरवणकर जी-उत्तर संभाग कार्यालय के अंतर्गत माहिम विधानसभा क्षेत्र से बागी विधायक हैं, जबकि यामिनी जाधव भायखला निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, जिसमें ई संभाग कार्यालय भी शामिल है। एफ-साउथ डिवीजन कार्यालय की सहायक आयुक्त स्वप्ना क्षीरसागर को ए डिवीजन कार्यालय, पी-नॉर्थ के महेश पाटिल को एफ-साउथ डिवीजन, परिवहन विभाग के कार्यकारी अभियंता अजय कुमार हरिहर यादव को ई डिवीजन के सहायक आयुक्त के रूप में स्थानांतरित किया गया है। वहीं घन कचरा प्रबंधन विभाग की उपायुक्त संगीता हसनाले का तबादला उपायुक्त मंडल-1, जबकि उपायुक्त चंदा जाधव का तबादला उपायुक्त घन अपशिष्ट के पद पर किया गया है। प्रबंधन विभाग, उपायुक्त, सहायक आयुक्त के तबादलों के दौर के चलते अधिकारियों में अब नाराजगी का स्वर उभरने लगा है।