
सामना में छपे लेख के चलते बढ़ गई संजय राउत की मुश्किलें
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के मुंबई पर दिए विवादित बयान पर संजय राउत ने रोखठोक शीर्षक पर ईडी ने उठाया सवाल। ईडी की हिरासत में रहते बिना इजाजत कैसे लिख सकते हैं लेख
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – पत्रा चाल में हेराफेरी के मामले में ईडी की हिरासत में चल रहे शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पिछले एक सप्ताह से ईडी की हिरासत में चल रहे संजय राउत का एक शीर्षक शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में ‘रोखठोक’ शीर्षक से प्रकाशित किया गया था। इस लेख की अब ईडी द्वारा जांच की जाएगी। कोर्ट की अनुमति के बिना संजय राउत हिरासत से लेख नहीं लिख सकते। ईडी के सूत्रों ने बताया कि संजय राउत ने इस प्रकार की कोई अनुमति ईडी या फिर कोर्ट से नहीं ली थी।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आखिरकार महाराष्ट्र के लोगों से अपने बयान को लेकर माफी मांग ली है। छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र को लेकर गलत बयानबाजी के चलते पंडित जवाहरलाल नेहरू और मोरारजी देसाई को भी माफी मांगनी पड़ी थी। नेहरू और मोरारजी देसाई ने इतिहास के गलत संदर्भ पर आधारित बयान दिए थे, इस वजह से महाराष्ट्र में गुस्से की आग भड़क गई। नेहरू जैसे लोकप्रिय नेता को भी महाराष्ट्र से माफी मांगनी पड़ी थी। अगर कोई महाराष्ट्र के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करेगा तो मराठी जनता इसका विरोध करेगी यही महाराष्ट्र का इतिहास रहा है। संजय राउत द्वारा प्रकाशित लेख में कहा गया।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने एक भाषण में कहा था कि मुंबई को वित्तीय राजधानी का दर्जा प्राप्त है क्योंकि गुजराती और मारवाड़ी लोग मुंबई में हैं। अगर गुजराती-मारवाड़ी लोगों को मुंबई से बाहर कर दिया जाए तो मुंबई में पैसा ही नहीं बचेगा तो यह आर्थिक राजधानी कैसे बनी रह पाएगी। मुंबई में गुजराती-मारवाड़ी समुदाय के लोगों को भी राज्यपाल का यह बयान पसंद नहीं आया और उन्होंने राज्यपाल के बयान की कड़ी निंदा की। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, जिनका गुस्सा उस समय भड़क गया जब उन्होंने राष्ट्रपति को ‘देशभक्त’ कहा, उन्होंने केवल महाराष्ट्र और शिव राय के अपमान का विरोध नहीं किया। यह भी महाराष्ट्र का अपमान है, संजय राउत ने अपने लेख में कहा।
इस बीच ईडी ने पत्रा चाल घोटाले के सिलसिले में सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से भी पूछताछ की है। ईडी ने आरोप लगाया है कि अलीबाग में पत्राचार समेत जमीन का सारा लेन-देन वर्षा राउत के नाम पर ही किया गया है। उन्होंने इस संबंध में सत्र न्यायालय में दस्तावेज भी जमा कराए हैं। ईडी वर्षा राउत के खाते में अज्ञात लोगों से मिले पैसों के लेन-देन की भी जांच कर रही है।