
मुंबई के 40-45 शिवसेना नगरसेवकों पर शिंदे की नजर, जल्द ही उद्धव ठाकरे को एक और झटका देने की तैयारी
शिंदे गुट का मनसे को भी तगड़ा झटका, मनसे के 65 पदाधिकारियों का शिंदे गुट में विलय
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : महाराष्ट्र की राजनीति में बगावत का बिगुल फूंकते हुए जिस तरह एकनाथ शिंदे शिवसेना को ठाणे समेत अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में झकझोड कर रख दिया है उसी तर्ज़ पर अब शिवसेना के मुंबई पार्षदों को भी शिंदे गुट में शामिल करने का अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एकनाथ शिंदे ने खास रणनीति बनाई है और मुंबई के हर बागी विधायक जो अब शिंदे के साथ हैं को एक खास जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिस तरह से शिवसेना के विधायक, सांसद और पार्षद कदम दर कदम टूटते गए, अब पता चला है कि शिंदे गुट ने मुंबई में शिवसेना के पार्षदों के लिए जाल बिछाया है। ऐसे में अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मुंबई में शिवसेना के कितने पार्षद शिंदे गुट का दामन थामेंगे।
सूत्रों के अनुसार, मुंबई में प्रत्येक बागी विधायक को शिंदे गुट में चार से पांच पूर्व पार्षदों को शामिल करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुंबई से पांच विधायक मंगेश कुडालकर, प्रकाश सुर्वे, यामिनी जाधव, सदा सरवणकर, दिलीप लांडे एकनाथ शिंदे के दल में शामिल हैं। एकनाथ शिंदे ने इन पांच लोगों को ‘ऑपरेशन मुंबई’ की जिम्मेदारी दी है। इस बीच कई वर्षों से मुंबई महानगर पालिका की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे सांसद राहुल शेवाले के माध्यम से मुंबई में शिवसेना के पार्षदों को तोड़ने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। अनुमान है कि मुंबई में शिवसेना के 40 से 45 पार्षद राज्य में सत्ता परिवर्तन और विपक्ष पर जांच एजेंसियों के कुटिल नजरिए से बंट जाएंगे।
उद्धव ठाकरे के बाद शिंदे समूह ने राज ठाकरे की मनसे को भी बड़ा झटका दिया है। शिंदे समूह में पनवेल, उरण, खारघर के कई मनसे पदाधिकारियों के शिंदे खेमे में शामिल होने से मनसे को बहुत नुकसान हुआ है। शिंदे समूह में मनसे के पूर्व जिलाध्यक्षों समेत 65 लोग शामिल हुए हैं। सोमवार की रात मनसे के पूर्व जिलाध्यक्ष अतुल भगत पूर्व पदाधिकारियों के साथ एकनाथ शिंदे से मिले और उनके दल में शामिल हो गए। हाल ही में मनसे नेता अमित ठाकरे ने नवी मुंबई के साथ रायगढ़ का दौरा किया। लेकिन, कुछ ही दिनों में मनसे ने इस क्षेत्र में काफी पदाधिकारियों को गंवा दिया है।