
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक कांग्रेस नेता अशोक चौहान थामेंगे भाजपा का दामन ?
अशोक चौहान ने अफवाहों पर लगाया पूर्ण विराम, कहा ऐसी अफवाहें कौन और क्यों फैला रहा है पता नहीं। पर पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण के कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होने की अटकलों का बाजार राजनीतिक गलियारों में सोमवार से ही चर्चा विषय बना हुआ था। इस पृष्ठभूमि में खुद अशोक चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए इस बात का खुलासा किया है कि फिलहाल उन्होंने ऐसा कोई मन नहीं बनाया है और नहीं ऐसा कुछ होने जा रहा है यह केवल एक अफवाह मात्र है। इस तरह की भ्रामक और बिना सिर पैर की अफवाह कौन और क्यों फैला रहा है फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है। अशोक चव्हाण ने स्पष्ट किया कि मैं इस तरह की चर्चाओं को महत्व नहीं देता। इसलिए अशोक चव्हाण के कांग्रेस पार्टी छोड़ने की अफवाहों पर पूर्ण विराम लग गया है।
प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में जारी अंदरूनी कलह सामने आ गई है। विधान परिषद में पहली पसंद के उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे के खिलाफ क्रॉस वोटिंग, विधान परिषद में विश्वास मत के दौरान लगभग 11 विधायकों की अनुपस्थिति और औरंगाबाद का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध की कमी को देखते हुए कई कांग्रेसी विधायकों के पार्टी छोड़ने की अफवाह थी। इसमें अशोक चव्हाण का भी नाम सबसे ऊपर शामिल था। इस बीच नांदेड़ के भाजपा सांसद प्रतापराव चिखलीकर ने कांग्रेस विधायकों को भाजपा में शामिल होने की खुली पेशकश की, जिससे यह संभावना और भी मजबूत हो गई।
हाल ही में शिंदे-फडणवीस सरकार के विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कुछ नेता देर से आने के कारण विश्वास प्रस्ताव परीक्षण में भाग नहीं के सके थे, जिसके चलते बहुमत प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की ताकत कम हो गई। खासकर उस समय उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पीछे छिपे अदृश्य हाथों को धन्यवाद दिया। अशोक चव्हाण के इतने महत्वपूर्ण अवसर पर हॉल में देर से पहुंचने से कांग्रेस के हलकों में बहस छिड़ गई थी। इस तरह की घटना को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अशोक चव्हाण को भी कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। उसके बाद कांग्रेस में अशोक चव्हाण के नाराजगी की खबरों ने तुल पकड़ लिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान ने राज्य सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा की नई सरकार ने सत्ता संभालते ही जिन विकास कार्यों को मंजूरी दी गई थी उन्हे स्थगित कर दिया गया, साथ ही जिन कार्यों के वर्क ऑर्डर नहीं इश्यू किए गए थे उन्हे भी स्थगित करना ऐसी दोयम दर्जे की राजनीति महाराष्ट्र में हो रही है। सरकारें आती जाती रहती है मैं भी कभी राज्य में मंत्री था, फिर मुख्यमंत्री रहा और बाद में मुझे इस्तीफा देना पड़ा, यह तो राजनीतिक काल चक्र है इससे कोई भी अछूता नहीं रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो, जनता के हित का काम नहीं रुकना चाहिए।