
विधायकों की बगावत के बाद, शिवसेना सांसद भी फुट की कगार पर
पार्टी ने बदला लोकसभा में नेता, भावना गवली की जगह लेंगे राजन विचारे
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : महाराष्ट्र विधानमंडल में एकनाथ शिंदे की बगावत के झटके के बाद अब शिवसेना ने संसदीय राजनीति के लिहाज से एक अहम फैसला लिया है। लोकसभा में शिवसेना की नेता भावना गवली को बाहर कर दिया गया है। एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद भावना गवली ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर कहा था कि एकनाथ शिंदे की भूमिका सही थी। उसके बाद चर्चा है कि शिवसेना के 12 सांसद भी जल्द ही अलग हो जाएंगे। इसमें सबसे आगे भावना गवली का नाम है। इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना ने भावना गवली को लोकसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। ठाणे से शिवसेना सांसद राजन विचारे को भावना गवली की जगह नियुक्त किया गया है।
इस बात की जानकारी शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी की ओर से लिखे पत्र में दी है। इस पत्र में कहा गया है कि सांसद राजन विचारे को तत्काल प्रभाव से भावना गवली के स्थान पर लोकसभा में शिवसेना के मुख्य प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित किया गया है। इसलिए अब देखना होगा कि भावना गवली इस पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं। यह देखना बाकी है कि फैसले से नाराजगी जताते हुए वह शिवसेना छोड़ेंगी या नहीं। कल मुंबई से शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने भी उद्धव ठाकरे को एक पत्र भेजा था। इसमें राहुल शेवाले ने बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से समर्थन की गुहार लगाई थी।
महाराष्ट्र में तख्तापलट से पहले महाविकास आघाड़ी ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को हराने की रणनीति तैयार की थी। एकनाथ शिंदे की बगावत के लिए बीजेपी ने जो लॉजिस्टिक्स मुहैया कराया है, उसे देखते हुए शिवसेना की भूमिका वही रहने की संभावना है। हालांकि अब राहुल शेवाले ने पार्टी के खिलाफ अपनी बात रखी है, इसलिए इस बात की प्रबल संभावना है कि राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना के सांसद भी फूट सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो एकनाथ शिंदे गुट का दावा है कि शिवसेना पार्टी में फूट है। इसलिए एकनाथ शिंदे गुट को पूरी शिवसेना पार्टी पर कब्जा करने के लिए अदालती लड़ाई में फायदा हो सकता है।