जिले में 33 बिजली अटकावयंत्र लगा कर आकाशीय बिलजी से नुकसान रोकने का प्रयास

जिले में 33 बिजली अटकावयंत्र लगा कर आकाशीय बिलजी से नुकसान रोकने का प्रयास

पिछले दो वर्षों में मानसून मौसमी बिजली गिरने से लगभग 39 लोगों की हुई मौत

पालघर ; आकाश से गिरने वाली बिजली हर साल लोगों की जान लेती हैं। लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी आसमान से गिरने वाली बिजली से अपनी जान बचाई जा सकती है। पालघर जिले में बिजली गिरने से होने वाले जान माल के नुकसान को रोकने य कम करने के लिए जिले में 33 जगहों पर बिजली अटकावयंत्र लगाए गए है। जिले की प्रशासकीय शासकीय बिल्डिंग,अस्पताल पुलिस थाना, विश्रामगृह इमारत पर ये यंत्र बैठाए गये है। इसी तरह डहाणू तालुका के वानगांव के आईटीआई कॉलेज व डहाणू उपविभागीय अधिकारी कार्यालय व कॉटेज अस्पताल डहाणू व ग्रामीण अस्पताल कासा वाणगाव ग्रामीण अस्पताल, तहसीलदार कार्यालय डहाणू पुलिस स्टेशन, शासकीय विश्रामगृह सहित दहानू में 9 जगहों पर ये यंत्र लगाए गए है।तलासरी तालुका में आईटीआई कॉलेज, ग्रामीण अस्पताल तलासरी तहसीलदार कार्यालय तलासरी पंचायत समिती कार्यालय व तलासरी के पुलिस स्टेशन, मध्यवर्तीय प्रशासकीय इमारत तलासरी, शासकीय विश्राम गृह तलासरी, सार्वजनिक बांधकाम उपविभाग कार्यालय सहित 9 जगहों पर यंत्र लगाए गए है। पालघर के ग्रामीण अस्पताल पालघर के तहसीलदार कार्यालय, बांधकाम भवन, पालघर मनोर स्थित वारली घाट इमारत, पालघर के शासकीय विश्रामगृह पर यंत्र लगाए गए है। वसई तालुका के उपविभागीय अधिकारी कार्यालय विरार के ग्रामीण अस्पताल विरार के न्यायालय इमारत वसई पुलिस स्टेशन, मध्यवर्ती प्रशासकीय इमारत वसई शासकीय विश्रामगृह इमारत विरार के शासकीय विश्रामगृह शिरसाट व शासकीय विश्रामगृह, सार्वजनिक बांधकाम विभागा के उपविभाग क्रमांक एक स्थित इमारत सहित 9 जगहों पर यंत्र लगाए गए है। जिले के मोखाडा, जव्हार, विक्रमगड, और वाडा तालुका में कई जगहों पर ये यंत्र बैठना अभी प्रस्तावित है। जिससे आकाशीय बिजली के गिरने से होने वाले नुकसान को रोका जा सके। पालघर जिले में पिछले दो वर्षों में, मानसून के मौसम में बिजली गिरने से विभिन्न तालुकों में करीब 39 लोगों की मौत हो गई है। जिला आपदा प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेकानंद कदम ने बताया कि इस यंत्र से 300 से 500 की दूरी पर गिरने वाली बिजली से होने वाले नुकसान को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। आकाशीय बिजली ज्यादातर बरसात के दिनों में गिरती है। इसकी चपेट में वो लोग आते हैं जो खुले आसमान के नीचे, हरे पेड़ के नीचे होते हैं, पानी के करीब होते हैं या फिर बिजली और मोबाइल के टॉवर के नजदीक होते हैं।

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