1034 करोड़ के कथित घपलेबाजी के मामले में ईडी दफ्तर पहुंचे संजय राउत

1034 करोड़ के कथित घपलेबाजी के मामले में ईडी दफ्तर पहुंचे संजय राउत

ईडी दफ्तर के बाहर शिव सैनिकों का भारी हुजूम, शिवसेना जिंदाबाद और जय महाराष्ट्र के लगे नारे 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य में जारी सियासी घमासान की शांति के बाद शिवसेना नेता संजय राउत शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुंबई ऑफिस पहुंचे। राउत को जमीन घोटाला मामले में पूछतछ के लिए बुलाया गया है। राउत ने ईडी ऑफिस के बाहर कहा- मैं एक निडर व्यक्ति हूं क्योंकि मैंने अपने जीवन में कभी कुछ गलत नहीं किया है। यह सब राजनीतिक है, इसके बारे में हमें बाद में पता चलेगा। फिलहाल मुझे लगता है कि मैं एक न्यूट्रल एजेंसी में जा रहा हूं और मुझे उन पर पूरा भरोसा है।

ईडी ने पत्रा चॉल जमीन घोटाला केस में पूछताछ के लिए राउत को 29 जून को हाजिर होने का नोटिस दिया था। इसके बाद, राउत के वकील ने मुंबई ईडी ऑफिस जाकर पेशी के लिए मोहलत मांगी थी। उन्होंने डॉक्यूमेंट पेश करने के लिए कम समय मिलने का हवाला दिया था। राउत से पत्रा चॉल जमीन घोटाले से जुड़े दस्तावेज भी लाने का निर्देश ईडी द्वारा दिया गया था।

इससे पहले उन्होंने सोमवार को ईडी के समन को साजिश करार देते हुए ट्वीट भी किया था, अब मैं समझता हूं कि ईडी ने मुझे समन क्यों भेजा है। अच्छा है। महाराष्ट्र में बड़े घटनाक्रम चल रहे हैं। बाला साहेब के हम सभी शिव सैनिक एक बड़ी लड़ाई में शामिल हो गए हैं। यह साजिश चल रही है। मेरी गर्दन कट जाए तो भी मैं गुवाहाटी के रास्ते पर नहीं जाऊंगा। चलो। मुझे गिरफ्तार करो! जय महाराष्ट्र!’

ईडी ने 1,034 करोड़ रुपए के पत्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में महाराष्ट्र के बिजनेसमैन और संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस केस में संजय राउत का नाम भी जुड़ा। 5 अप्रैल को ईडी ने इसी मामले में संजय राउत के अलीबाग वाले प्लॉट के साथ दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को भी कुर्क कर लिया था।

जब ईडी ने प्रवीण को पकड़ा तो संजय राउत का नाम सामने आया। प्रवीण शिव सेना सांसद संजय राउत का दोस्त है। प्रवीण की पत्नी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 83 लाख रुपए का कर्ज भी दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। जब जांच शुरू हुई तो वर्षा ने 55 लाख रुपए प्रवीण की पत्नी को लौटा दिए।

इस मामले का एक और आरोपी सुजीत पाटकर भी संजय राउत से जुड़ा हुआ है। सुजीत संजय की बेटी की एक फर्म में पार्टनर है। सुजीत की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने एक साथ मिलकर अलीबाग में जमीन खरीदी। ये जमीन भी घोटाले के पैसे से ली गई थी।

2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के बीच समझौता हुआ था। महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने गुरुआशीष को पत्रा चॉल के किरायेदारों के 672 फ्लैट को री-डेवलप करने का काम सौंपा था। बता दें कि गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सिस्टर कंपनी है।

समझौते में यह भी तय हुआ था कि करीब 3 हजार फ्लैट महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी को सौंपने होंगे। ये फ्लैट अथॉरिटी की 47 एकड़ जमीन पर बनने थे, लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट को री-डेवलप करने और अथॉरिटी को बाकी फ्लैट्स सौंपने की बजाय, इस जमीन को 8 अलग-अलग बिल्डरों को 1 हजार 34 करोड़ रुपए में बेच दिए।

प्रवीण राउत हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ डायरेक्टर थे। मार्च 2018 में अथॉरिटी ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में फरवरी 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया हालांकि बाद में प्रवीण राउत को जमानत पर छोड़ दिया गया था लेकिन मामले की जांच का हवाला देते हुए ईडी ने हाल ही में फिर से गिरफ्तार कर लिया।

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