
जंगल में सड़ रही हैं परिवहन उपक्रम की 60 बसें….
217 में केवल 30 बस सड़कों पर…
व्यवस्थापन की कमी से करोड़ो रुपए प्रतिमाह का नुकसान..
एसएन दुबे
कल्याण- परिवहन उपक्रम के वसंतवेली डिपो में करोड़ो रुपया लगाकर खरीदी गई 57 से 60 बसें जंगल में सड़ रही हैं लेकिन उसका कोई माई-बाप नहीं है। बताया जाता है कि केडीएमसी के परिवहन उपक्रम में कुल 217 बसें हैं जिनमें केवल 25 से 30 बसें ही सड़कों पर दौड़ रही हैं। आज आलम यह है कि एसटी महामंडल और निजी बसें सड़कों पर फर्राटे भर रही हैं और परिवहन उपक्रम की बसें डिपो में सड़ रही हैं। व्यवस्थापन की कमी के कारण न तो रख-रखाव हो पा रहा है और न ही आय के स्रोत बढ़ रहे हैं, लिहाजा आज परिवहन उपक्रम को प्रति माह करोड़ो रुपए घाटा हो रहा है। बताया जाता है कि कोरोना के पहले परिवहन विभाग में प्रति दिन 4 से साढ़े 4 लाख रुपए इनकम होता था, जो आज घटकर 80 से 90 हजार प्रति दिन हो गया है। जो विभाग के लिए गम्भीर मसला है। केडीएमसी के परिवहन उपक्रम में 500 से अधिक कर्मचारी हैं। इन कर्मचारियों में कुछेक कर्मचारी कोविड काल से ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोविड ड्यूटी का पैसा अभी तक नहीं मिला है। बतादें कि महानगर पालिका प्रशासन ने परिवहन का कुछ काम कंट्रेक्ट पर भी दिया है। जिसमें बस चालक से लेकर बसों के मरम्मत का कार्य भी शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि परिवहन में कंट्रेक्टर आते हैं और कमा के चले जाते हैं लेकिन केडीएमटी वहीं की वहीं है।