सरकार अब मुट्ठी भर शासकों के हितों की रक्षा करने में व्यस्त है। नागपुर शहर में अपराध दर में 332.91 प्रतिशत और ठाणे जिले में 184.33 प्रतिशत की वृद्धि – अम्बादास दानवे 

सरकार अब मुट्ठी भर शासकों के हितों की रक्षा करने में व्यस्त है। नागपुर शहर में अपराध दर में 332.91 प्रतिशत और ठाणे जिले में 184.33 प्रतिशत की वृद्धि – अम्बादास दानवे 

मानसून सत्र के आखरी सप्ताह में सरकार पर जम कर बरसे विधान परिषद के नेता विपक्ष। कहा कानून व्यवस्था पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहा 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य में बढ़ते अपराध को देखते हुए नागपुर शहर में अपराध दर में 332.91 प्रतिशत और ठाणे जिले में 184.33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के जिले ठाणे, नागपुर में अपराध में भारी वृद्धि हुई है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि मुंबई, ठाणे में डांस बार सुबह तक खुले रहते हैं और यह सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है।

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की विफलता, राज्य की बिगड़ती वित्तीय स्थिति, अस्त-व्यस्त जनजीवन आदि मुद्दों पर सरकार पर हमला बोला। अंतिम सप्ताह में प्रस्ताव पर बोलते हुए दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार अब मुट्ठी भर शासकों के हितों की रक्षा करने में व्यस्त है।

राज्य में कानून का डर नहीं होने के कारण आए दिन दंगे, लड़कियों पर हमले, प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ गई हैं। अंबादास दानवे ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासनिक तंत्र में इंजीनियर के खिलाफ हाथ उठाने वाले सत्ताधारी विधायकों पर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि विपक्षी दल के विधायकों पर कार्रवाई कर रही है।

ऐसा तो अंग्रेजों के समय में भी नहीं था। दानवे ने राज्य में जगह-जगह हो रहे दंगों की घटनाओं में किसी के द्वारा साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया और सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाया।

इर्शालवाड़ी त्रासदी से पहले ग्रामीणों ने बार-बार राजस्व विभाग से पुनर्वास की मांग की थी, लेकिन उस पर विचार नहीं किया गया। क्या सरकार इस आपदा के घटित होने का इंतजार कर रही थी? माधवराव गाडगिल समिति ने भूस्खलन पर एक अध्ययन किया था। सरकार ने उनमें से किसी भी सुझाव पर ध्यान नहीं दिया। दानवे ने कहा कि तलये गांव के पुनर्वास की जरूरत है और सरकार को गाडगिल समिति के सुझावों पर ध्यान देना चाहिए। दानवे ने यह सवाल भी उठाया कि सरकार ने दर्दी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय अपनाए हैं।

राज्य सरकार ने सिडको के माध्यम से निजी विकास के प्रवेश द्वार पनवेल के वलाई गांव के आदिवासी परिवारों की 90 एकड़ भूमि अधिग्रहण का कार्य किया है। दानवे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार पुनर्वास के नाम पर सिडको के माध्यम से निजी डेवलपर्स के गले में जमीन डालने की कोशिश कर रही है।

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